देशभर में “ऑपरेशन अभ्यास” सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल का आयोजन, आपदा प्रबंधन को लेकर दिखी तैयार
देशभर में आज “ऑपरेशन अभ्यास” नामक सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया जिसमें राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF), राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA), सिविल डिफेंस वालंटियर्स, पुलिस, फायर ब्रिगेड और स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने हिस्सा लिया, इस व्यापक अभ्यास का मुख्य उद्देश्य आपातकालीन स्थितियों जैसे भूकंप, बाढ़, आग, रासायनिक रिसाव और आतंकी हमलों जैसी परिस्थितियों में त्वरित प्रतिक्रिया और बचाव कार्यों की क्षमता का परीक्षण करना था, रिपोर्ट्स के मुताबिक यह ड्रिल देश के 200 से अधिक जिलों में एक साथ आयोजित की गई और इसमें लाखों लोगों को शामिल किया गया ताकि आम जनता को भी आपदा से निपटने की जानकारी मिल सके, “ऑपरेशन अभ्यास” के दौरान विभिन्न परिदृश्यों को सिम्युलेट किया गया जैसे किसी ऊँची इमारत में आग लगना, औद्योगिक क्षेत्र में गैस लीकेज होना, नदी किनारे बाढ़ का आना और भूकंप के झटके महसूस होना, इन सभी परिस्थितियों में राहत और बचाव टीमों ने मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन दिखाया और आम लोगों को समझाया कि ऐसे समय पर क्या-क्या सावधानियां बरतनी चाहिए, इस अभ्यास में स्कूल और कॉलेज के छात्र-छात्राओं को भी शामिल किया गया ताकि युवा पीढ़ी आपदा के समय आत्मनिर्भर और जागरूक बन सके, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस आयोजन की निगरानी की और इसे “संपूर्ण राष्ट्र की भागीदारी” का उदाहरण बताया, अधिकारियों ने कहा कि प्राकृतिक और मानव-निर्मित आपदाओं के खतरे लगातार बढ़ रहे हैं इसलिए समय-समय पर इस तरह की मॉक ड्रिल बेहद आवश्यक हैं, स्वास्थ्य विभाग ने भी आपातकालीन मेडिकल रेस्पॉन्स की डेमो दी जिसमें घायल लोगों को स्ट्रेचर से अस्पताल पहुंचाने और प्राथमिक उपचार (First Aid) देने की प्रक्रिया दिखाई गई, वहीं फायर डिपार्टमेंट ने ऊँची इमारतों से लोगों को सुरक्षित निकालने और फायर हाइड्रेंट्स के उपयोग की जानकारी दी, इस अभ्यास में महिला वालंटियर्स और स्थानीय एनजीओ ने भी सक्रिय भागीदारी निभाई जिससे सामुदायिक स्तर पर जागरूकता फैलाई जा सके, कई जगहों पर मॉक ड्रिल को देखने के लिए स्थानीय लोगों की भीड़ जमा हो गई और उन्होंने इसे बेहद उपयोगी करार दिया, “ऑपरेशन अभ्यास” का संदेश साफ था कि आपदा किसी भी समय आ सकती है और केवल सरकारी एजेंसियों पर निर्भर रहने की बजाय आम नागरिकों को भी बेसिक ट्रेनिंग और जागरूकता होनी चाहिए, अधिकारियों ने बताया कि आने वाले महीनों में इस तरह की और ड्रिल्स की योजना बनाई गई है ताकि हर जिले की क्षमता और रिस्पॉन्स टाइम का मूल्यांकन किया जा सके, कुल मिलाकर यह मॉक ड्रिल देश की आपदा प्रबंधन प्रणाली को मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई और इसने यह दिखाया कि यदि मिलजुल कर तैयारी की जाए तो किसी भी आपदा से होने वाले नुकसान को काफी ह