TCS में 12,000 से ज्यादा कर्मचारियों की छंटनी की तैयारी – AI और ऑटोमेशन के दौर में IT सेक्टर में बड़ा झटका
देश की सबसे बड़ी IT कंपनियों में शामिल TCS (टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज) ने बड़ा फैसला लेते हुए वित्त वर्ष 2025-26 में अपनी वैश्विक कार्यशक्ति का करीब 2 प्रतिशत, यानी 12,000 से ज्यादा कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की योजना बनाई है। यह अब तक का TCS का सबसे बड़ा लेऑफ माना जा रहा है, जिससे IT सेक्टर में हलचल मच गई है। कंपनी ने यह कदम ऐसे समय पर उठाया है जब दुनियाभर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और ऑटोमेशन के चलते परंपरागत नौकरियों पर खतरा मंडरा रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह छंटनी मुख्य रूप से मिड और सीनियर लेवल मैनेजमेंट को प्रभावित करेगी, खासकर वे कर्मचारी जो लंबे समय से किसी प्रोजेक्ट में तैनात नहीं हैं या जिनकी स्किल मौजूदा डिलीवरी मॉडल के अनुसार अपडेट नहीं हुई है। कंपनी का कहना है कि इस कदम से वे भविष्य की तकनीकी आवश्यकताओं के लिए खुद को तैयार कर रही है और “फ्यूचर-रेडी ऑर्गनाइजेशन” बनने की दिशा में बढ़ रही है। हालांकि TCS ने यह भी स्पष्ट किया है कि प्रभावित कर्मचारियों को फुल नोटिस पीरियड वेतन, सेवरेंस बेनिफिट्स, काउंसलिंग, आउटप्लेसमेंट सपोर्ट और बीमा एक्सटेंशन जैसी सभी सुविधाएं दी जाएंगी। जानकारों के मुताबिक, ग्लोबल क्लाइंट्स की डिमांड में गिरावट, महंगे प्रोजेक्ट्स की रुकावट और AI-संचालित टूल्स के उपयोग में तेजी जैसे कारणों से कंपनी को यह कठोर निर्णय लेना पड़ा है। इस फैसले से जहां एक ओर अन्य IT कंपनियों पर दबाव बढ़ेगा, वहीं दूसरी ओर कर्मचारियों में असुरक्षा की भावना भी बढ़ सकती है। आने वाले समय में यह देखा जाना दिलचस्प होगा कि क्या अन्य दिग्गज IT कंपनियां भी इसी राह पर चलेंगी या TCS का यह कदम एक मिसाल बनकर उभरेगा।