Pulwama 2025: शहीदों की कुर्बानी पर फिर छिड़ी नई बहस, सोशल मीडिया पर उठे तीखे सवाल

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Pulwama 2025: शहीदों की कुर्बानी पर फिर छिड़ी नई बहस, सोशल मीडिया पर उठे तीखे सवाल

 

Pulwama नाम एक बार फिर सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है, और इस बार वजह वही पुरानी पीड़ा, नई पीढ़ी के सवाल और राष्ट्रवाद बनाम राजनीति की उथल-पुथल है। 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में हुए भीषण आतंकी हमले ने भारत की आत्मा को झकझोर दिया था, जब CRPF के 40 से अधिक जवानों ने अपने प्राण गंवाए थे। हर साल इस घटना की बरसी पर सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि संदेशों की बाढ़ आ जाती है, लेकिन इस बार 2025 में यह ट्रेंड सिर्फ श्रद्धांजलि तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसमें कुछ नई बातें, नए ऐंगल और कई अप्रत्याशित प्रतिक्रियाएं जुड़ गई हैं, जिनसे यह मामला एक बार फिर चर्चा में आ गया है।

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सबसे पहले बात उस वीडियो की जिसने #Pulwama हैशटैग को एक बार फिर ट्रेंडिंग लिस्ट में ला दिया। एक कॉलेज स्टूडेंट द्वारा बनाई गई रील में पुलवामा हमले की क्लिप्स, शहीद जवानों की तस्वीरें और एक भावुक शेर — “वो मिट गए तो क्या हुआ, अमर तो वो कहानी हो गए” — के साथ एक मार्मिक बैकग्राउंड म्यूज़िक जोड़ा गया, जो वायरल हो गया। लेकिन इसी वीडियो के नीचे कुछ ऐसे कॉमेंट्स आ गए जिन्होंने माहौल को बदल दिया — कुछ ने सरकार से सवाल पूछे कि आखिर हमले की जांच में क्या प्रगति हुई, वहीं कुछ ने इसे सिर्फ राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल करने का आरोप लगाया।

 

इसी बीच कुछ X (पूर्व ट्विटर) यूजर्स ने पुलवा

मा के बाद

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