Russia Global Politics का Kingpin बन चुका है – अब पूरी दुनिया मॉस्को की चाल पर टिकी है
रूस एक बार फिर दुनिया की सबसे बड़ी सुर्खियों में है और इस बार सिर्फ यूक्रेन युद्ध की वजह से नहीं बल्कि उसकी लगातार बदलती विदेश नीति, पश्चिम के साथ संघर्ष, तेल और गैस पर नियंत्रण, BRICS के विस्तार और वैश्विक गठजोड़ों में उसकी तेज़ होती भूमिका के चलते, आज जब अमेरिका, यूरोपीय संघ, NATO और चीन जैसी महाशक्तियां एक-दूसरे को मात देने में लगी हैं, तब रूस चुपचाप लेकिन बेहद रणनीतिक तरीके से खुद को “Power Rebalancing” का केंद्र बना चुका है, यूक्रेन पर हमले को तीन साल हो चुके हैं लेकिन यह युद्ध अब सिर्फ दो देशों की जंग नहीं बल्कि पूरी दुनिया की विदेश नीति को प्रभावित करने वाला मुद्दा बन चुका है, मॉस्को की ये लड़ाई अब सैन्य ताकत से ज्यादा आर्थिक, ऊर्जा और डिप्लोमैटिक फ्रंट पर लड़ी जा रही है, खासकर तब जब पश्चिमी देशों ने रूस पर 15,000 से ज्यादा प्रतिबंध लगाए और फिर भी पुतिन की सत्ता को हिला तक नहीं पाए, यही कारण है कि आज रूस अपने पुराने दोस्तों के साथ नए रिश्ते बनाने में जुटा है – जैसे कि चीन, भारत, ईरान, ब्राजील, सऊदी अरब और अफ्रीकी देश, वहीं BRICS को विस्तार देकर रूस ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह अब अमेरिका-प्रभुत्व वाले वर्ल्ड ऑर्डर को खुलेआम चुनौती देने को तैयार है, दिलचस्प बात ये है कि रूस अब सिर्फ हथियारों और सेना के बल पर नहीं बल्कि अपने सॉफ्ट पावर – मीडिया (जैसे RT), डिजिटल करेंसी (CBDC), और वैकल्पिक
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