सनातनगौरव_सतीशाचार्यजी: Swami Satish Acharya को Jagadguru उपाधि, सनातन धर्म का गौरव बढ़ा
भारत में सनातन धर्म और उसकी परंपराएँ हमेशा से समाज को दिशा दिखाती रही हैं और इन्हीं परंपराओं को आगे ले जाने के लिए जब कोई संत अथवा आचार्य बड़ा योगदान देता है तो समाज उसे विशेष सम्मान से नवाजता है। हाल ही में कानपुर के प्रसिद्ध संत स्वामी सतीशाचार्य महाराज को जगद्गुरु (Jagadguru) की उपाधि प्रदान की गई है, और इस सम्मान ने उन्हें पूरे देशभर में चर्चा का केंद्र बना दिया है। यही कारण है कि सोशल मीडिया पर #सनातनगौरव_सतीशाचार्यजी तेजी से ट्रेंड कर रहा है और लोग उन्हें सनातन धर्म की शान बताते हुए बधाइयाँ दे रहे हैं।
स्वामी सतीशाचार्य जी को यह उपाधि वैष्णव संप्रदाय के तीनों प्रमुख अखाड़ों—निर्वाणी, निर्मोही और दिगंबर अनी अखाड़ा—की सर्वसम्मति से दी गई है। यह उपाधि केवल उन्हीं संतों को दी जाती है जिनके ज्ञान, तपस्या और समाज सेवा को पूरे संत समाज द्वारा मान्यता प्राप्त हो। स्वामी जी ने वर्षों से वेद, शास्त्र और धर्मग्रंथों का गहन अध्ययन किया है और अपनी शिक्षाओं से हजारों युवाओं और भक्तों को सनातन धर्म से जोड़ा है। यही कारण है कि उन्हें आज “सनातन गौरव” कहा जा रहा है।
धार्मिक सभाओं और सत्संगों में उनका संदेश सदैव यही रहा है कि भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म का संरक्षण ही समाज का सच्चा उत्थान है। उन्होंने विशेष रूप से युवाओं से आग्रह किया कि वे आधुनिकता के साथ-साथ अपनी जड़ों और आध्यात्मिक परंपराओं से जुड़े रहें। इसके अलावा, वे गौ संरक्षण और गौहत्या पर पूर्ण प्रति
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