Surah Alhamdu (Surah Al-Fatiha) Ka Hindi Arth Sabko Hairaan Kar Dega – हर नमाज़ की जान है ये सूरह
Surah Al-Fatiha, jise aam taur par Surah Alhamdu bhi kaha jata hai, Qur’an ka sabse pehla chapter hai aur har Musalman ke liye सबसे अहम सूरह माना जाता है, क्योंकि यही सूरह हर नमाज़ की हर रकात में सबसे पहले पढ़ी जाती है। लोग aksar Google par search karte hain “Alhamdu ki surah kya hai”, “Surah Al-Fatiha ka Hindi meaning”, ya “Surah Fatiha ka tarjuma” – toh chaliye hum aapko बताते हैं इस पवित्र सूरह का आसान Hindi meaning, ताकि आप ना सिर्फ इसे ज़ुबानी याद कर सकें बल्कि दिल से इसका मतलब भी समझ सकें और नमाज़ में ज्यादा खशू महसूस कर सकें. इस सूरह को “Ummul Qur’an” yaani “कुरान की माँ” भी कहा जाता है क्योंकि ये पूरे कुरान का सार अपने अंदर समेटे हुए है।
Surah Al-Fatiha कुल 7 आयतों पर आधारित है और इसका हर लफ्ज़ रहमत, इल्म और हिदायत से भरपूर है. जब आप ये पढ़ते हैं तो आप खुद को Allah से directly बात करते हुए महसूस करते हैं. सूरह की शुरुआत होती है “Bismillah hir-Rahman nir-Raheem” यानी “मैं शुरू करता हूं अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान, निहायत रहम वाला है” – ये हमें सिखाता है कि हर काम अल्लाह के नाम से शुरू करना चाहिए ताकि उसमें बरकत हो. इसके बाद अगली आयत कहती है “Alhamdu lillahi Rabbil ‘Aalameen” यानी “हर तरह की तारीफ़ अल्लाह के लिए है, जो सारे जहानों का पालनहार है” – ये इकरार है कि हमारी हर नेमत का असली सोर्स अल्लाह ही है.
फिर आता है “Ar-Rahmanir-Raheem” यानी “वो बहुत मेहरबान है और बार-बार रहमत करने वाला है”, ये अल्लाह की दो खूबसूरत सिफतें बताता है जो हर मोमिन को तसल्ली देती हैं. उसके बाद “Maliki Yawmid-Deen” यानी “जो रोज़-ए-जज़ा (क़यामत के दिन) का मालिक है”, यानी हम सबको एक दिन उसके सामने पेश होना है, और वही हिसाब लेगा. फिर एक बहुत पावरफुल लाइन आती है: “Iyyaaka Na’budu wa Iyyaaka Nasta’een”, यानी **“हम सिर्फ तेरी ही इबादत करते है