टीम इंडिया ने तोड़ा इंग्लैंड का गुरूर, एजबेस्टन में रचा इतिहास
किसी टीम का घमंड कैसे चकनाचूर किया जाता है, यह भारतीय क्रिकेट टीम से बेहतर कोई नहीं सिखा सकता। साढ़े चार साल पहले गाबा में ऑस्ट्रेलिया के अभेद किले को ध्वस्त करने वाली टीम इंडिया ने अब इंग्लैंड को उसकी ही ज़मीन पर बड़ा सबक सिखा दिया है। एजबेस्टन के मैदान पर भारतीय टीम ने 58 साल बाद पहली बार जीत दर्ज कर इतिहास रच दिया। इंग्लैंड जैसी मजबूत टीम को 336 रनों से हराकर युवा और अपेक्षाकृत कम अनुभवी भारतीय टीम ने साबित कर दिया कि जज़्बा, जुनून और जौहर ही असली क्रिकेट की ताकत होते हैं।
शुभमन गिल की अगुवाई वाली इस टीम ने टेस्ट क्रिकेट के हर समीकरण को ध्वस्त कर दिया। न अनुभव की कमी आड़े आई, न दबाव का असर हुआ। गिल ने न सिर्फ कप्तानी की पहली जीत अपने नाम की, बल्कि यह भी दिखा दिया कि वह टीम इंडिया के भविष्य के मजबूत स्तंभ बन सकते हैं। टीम का हर खिलाड़ी मैच के हर क्षण में अपनी भूमिका निभाता नजर आया, फिर चाहे वो गेंदबाजी हो या बल्लेबाजी।
गेंदबाजों ने इंग्लैंड को उसकी ही पिचों पर नाकों चने चबवा दिए। खासकर आकाश दीप और मोहम्मद सिराज की धारदार गेंदबाजी ने इंग्लैंड की दूसरी पारी को तहस-नहस कर दिया। वहीं बल्लेबाजों में शुभमन गिल, यशस्वी जायसवाल और श्रेयस अय्यर ने शानदार संयम और आक्रमण का अद्भुत संतुलन दिखाया।
इस ऐतिहासिक जीत के साथ टीम इंडिया ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि वे सिर्फ घर में ही नहीं, बल्कि बाहर भी मैच जिताने का दम रखते हैं। यह सिर्फ एक जीत नहीं, बल्कि आने वाले समय की चेतावनी है—टीम इंडिया कहीं भी, किसी भी मैदान पर, किसी भी टीम का गुरूर तोड़ने में सक्षम है।