SEBI 2025 में बना आम निवेशक का रक्षक या शिकंजा? नए नियमों पर मचा है घमासान
SEBI यानी भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड ने 2025 में जो नए दिशा-निर्देश और सख्त पॉलिसी अपडेट जारी किए हैं, उसने न केवल मार्केट में हलचल मचा दी है बल्कि खुदरा निवेशकों, ब्रोकर प्लेटफॉर्म्स, इंफ्लुएंसर और स्मॉल-कैप कंपनियों के बीच भी अलग-अलग प्रतिक्रियाएं पैदा कर दी हैं, जहां एक ओर इसे ‘रिटेल इन्वेस्टर्स की सेफ्टी’ के तौर पर देखा जा रहा है, वहीं दूसरी ओर कुछ इसे ‘ओवर रेगुलेशन’ कह रहे हैं जो बाजार की स्वतंत्रता पर असर डाल सकता है। SEBI का नया फोकस उन सोशल मीडिया फाइनेंस इन्फ्लुएंसर्स और यूट्यूब चैनलों पर है जो बिना लाइसेंस के स्टॉक टिप्स और IPO सलाह दे रहे हैं — अब इन पर 25 लाख रुपये तक का जुर्माना और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर बैन की कार्रवाई हो सकती है, जिससे इनकम शेयर करने वाले हजारों फाइनेंस क्रिएटर्स पर खतरे की घंटी बज चुकी है।
इसके अलावा SEBI ने स्मॉलकैप और माइक्रो
कैप कंपन