जो ख़ामोशी से हर लड़ाई लड़ गया, वो है मेरे पापा फादर्स डे की कहानी, इतिहास और आज का महत्व

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जो ख़ामोशी से हर लड़ाई लड़ गया, वो है मेरे पापा फादर्स डे की कहानी, इतिहास और आज का महत्व

The Great News | 16 जून 2025 | Father’s Day Special

 

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अगर ममता का दूसरा नाम मां है, तो चुपचाप सब कुछ सहकर जीवन की नींव मजबूत करने वाला दूसरा नाम पिता है। वो जो न कभी थकता है, न रुकता है… बस अपने बच्चों की एक मुस्कान के लिए सारी दुनिया से लड़ जाता है। हर साल जून के तीसरे रविवार को मनाया जाने वाला फादर्स डे, ऐसे ही अनकहे, अनदेखे लेकिन सबसे मजबूत रिश्ते का उत्सव है।

 

 

 

इतिहास: कहां से शुरू हुआ फादर्स डे?

 

फादर्स डे की शुरुआत 19 जून 1910 को अमेरिका के वॉशिंगटन राज्य में हुई, जब सोनोरा स्मार्ट डॉड नामक एक महिला ने अपने विधुर पिता को सम्मान देने की मुहिम छेड़ी।

सोनोरा के पिता ने अकेले ही अपने छह बच्चों की परवरिश की थी, और यह बात सोनोरा को समाज के सामने लाने की प्रेरणा बनी। उन्होंने मांग की कि जिस तरह मदर्स डे मनाया जाता है, उसी तरह फादर्स डे भी होना चाहिए।

 

उनकी पहल को चर्च और प्रशासन से समर्थन मिला और पहला Father’s Day स्पोकान शहर में 1910 में मनाया गया।

इसके बाद 1966 में अमेरिकी राष्ट्रपति लिंडन जॉनसन ने जून के तीसरे रविवार को Father’s Day घोषित किया, और 1972 में यह अमेरिका में राष्ट्रीय अवकाश बना।

 

 

🇮🇳 भारत में कैसे फैला यह दिवस?

 

भारत में Father’s Day का चलन 2000 के बाद तेज़ी से बढ़ा, खासतौर पर मेट्रो शहरों में। सोशल मीडिया, गिफ्ट इंडस्ट्री और स्कूली आयोजनों के ज़रिए अब यह दिन घर-घर में भावनाओं से जुड़ चुका है।

 

अब हर साल भारत में भी जून के तीसरे रविवार को इसे मनाया जाता है — 2025 में यह दिन 16 जून को पड़ा है।

 

 

 

 

कैसे मनाते हैं लोग फादर्स डे?

 

बच्चे अपने पिता को गिफ्ट, कार्ड, चिट्ठी या वीडियो मैसेज देते हैं।

 

स्कूलों में पेंटिंग, कविता, भाषण प्रतियोगिता होती है।

 

#FathersDay2025, #MyHeroDad, #PapaKiJaiHo जैसे हैशटैग्स ट्रेंड कर रहे हैं।

 

कुछ लोग अपने पिता के साथ पुरानी फोटो शेयर कर उन्हें सम्मानित करते हैं, तो कुछ अपने दिवंगत पिताओं को याद कर भावुक पोस्ट लिखते हैं।

 

 

 

💡 फादर्स डे क्यों है इतना ख़ास?

क्योंकि ये सिर्फ एक दिन नहीं, बल्कि एक भावना है –

“वो जो कभी नहीं रोया, लेकिन हमारी हर तकलीफ में रात भर जागा…

वो जो कभी खुद के लिए कुछ नहीं मांगता, लेकिन हमारे लिए सब कुछ छोड़ देता है…

वही तो है — पापा”।

तो इस फादर्स डे पर सिर्फ ‘थैंक यू’ मत कहिए, उन्हें गले लगाइए, वक्त दीजिए और वो बातें कहिए जो आपने कभी नहीं कही।

 

The Great News की टीम की ओर से सभी पिताओं को नमन — आप हैं तो हम हैं।

 

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