गर्दन में अजीब झटके और कंपन हो सकते हैं न्यूरोलॉजिकल बीमारी का संकेत – जानिए ‘सर्वाइकल डिस्टोनिया’ के लक्षण, कारण और इलाज
अगर आपकी गर्दन में बार-बार झटके आते हैं, या अचानक कंपन महसूस होता है जिसे आप नियंत्रित नहीं कर पा रहे, तो यह सामान्य मांसपेशियों की थकान नहीं बल्कि एक गंभीर न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर यानी ‘सर्वाइकल डिस्टोनिया’ (Cervical Dystonia) का संकेत हो सकता है। इसे आम भाषा में “गर्दन का कंपन” या “अनियंत्रित झुकाव” भी कहा जाता है। यह समस्या अक्सर 30 से 60 वर्ष की उम्र के बीच के लोगों में पाई जाती है, और महिलाओं में इसका खतरा अधिक होता है।
सर्वाइकल डिस्टोनिया एक ऐसा विकार है जिसमें गर्दन की मांसपेशियां अचानक और अनियंत्रित रूप से सिकुड़ने लगती हैं, जिससे सिर एक तरफ मुड़ने लगता है या नीचे-ऊपर झुकता है। कई मामलों में इसके साथ कंपन (tremor) भी महसूस होता है, जो व्यक्ति के लिए असहज और शर्मिंदगी भरा अनुभव बन सकता है। यह समस्या धीरे-धीरे शुरू होती है और समय के साथ गंभीर रूप ले सकती है।
इस बीमारी का सटीक कारण अब तक पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है, लेकिन माना जाता है कि यह मस्तिष्क के एक हिस्से ‘बेसल गैन्ग्लिया’ में गड़बड़ी के कारण होती है। कुछ मामलों में यह आनुवांशिक भी हो सकती है या सिर और गर्दन में चोट, खासकर कार एक्सीडेंट या झटके के बाद भी उत्पन्न हो सकती है। इसके अलावा कुछ मानसिक रोगों के इलाज में दिए जाने वाले दवाइयों का असर भी इस समस्या को जन्म दे सकता है।
सर्वाइकल डिस्टोनिया के इलाज में सबसे कारगर तरीका है ‘बोटॉक्स इंजेक्शन’, जिसे सीधे प्रभावित मांसपेशियों में दिया जाता है। इससे 3–7 दिनों के अंदर राहत मिल सकती है और असर लगभग 3 महीने तक बना रहता है। इसके अलावा फिजियोथेरेपी, मेडिटेशन, स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ और कुछ मामलों में गहरी ब्रेन स्टिमुलेशन (DBS) जैसी न्यूरो-सर्जरी भी विकल्प हो सकते हैं।
अगर आपकी गर्दन बार-बार अपने आप किसी एक दिशा में मुड़ती है, उसमें अकड़न रहती है, या कंपकंपी आती है — तो बिना देर किए न्यूरोलॉजिस्ट से संपर्क करें। सही समय पर पहचान और इलाज से इस तकलीफ को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है और जीवन सामान्य हो सकता है।