मिनी क्रॉसवर्ड, हॉरॉस्कोप और ऑनलाइन गेमिंग बैन जैसे ट्रेंडिंग फीचर्स ने खींचा ध्यान
डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म्स और सोशल मीडिया पर इन दिनों कई अलग-अलग तरह के ट्रेंडिंग फीचर्स यूज़र्स की दिलचस्पी का केंद्र बने हुए हैं जिनमें मिनी क्रॉसवर्ड, हॉरॉस्कोप और ऑनलाइन गेमिंग बैन से जुड़ी खबरें सबसे आगे हैं। मिनी क्रॉसवर्ड (Mini Crossword) का चलन खासकर युवाओं और छात्रों में तेजी से बढ़ रहा है, लोग इसे अपनी डेली ब्रेन एक्सरसाइज़ के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं और कई न्यूज़-एप्स और एंटरटेनमेंट पोर्टल्स इस फीचर को एड कर चुके हैं ताकि यूज़र जुड़ाव (Engagement) बढ़ सके। वहीं हॉरॉस्कोप (Horoscope) का क्रेज़ भी लगातार बना हुआ है, राशिफल पढ़ना और रोज़ाना की भविष्यवाणियों को फॉलो करना लाखों लोगों की आदत बन गया है, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर भी ज्योतिष आधारित कंटेंट ट्रेंड कर रहा है जिसमें Love Horoscope, Career Horoscope और Daily Prediction जैसे टॉपिक लोकप्रिय हो रहे हैं।
दूसरी ओर ऑनलाइन गेमिंग बैन का मुद्दा लगातार सुर्खियों में है क्योंकि सरकार इस पर नए कड़े नियम लाने की तैयारी कर रही है, प्रस्तावित कानून के मुताबिक रियल मनी गेम्स (Real Money Games) जैसे पोकर, फैंटेसी क्रिकेट और ऑनलाइन रम्मी को लेकर ट्विटर (X), इंस्टाग्राम और अन्य प्लेटफ़ॉर्म्स पर विज्ञापन चलाने वालों पर दो साल तक की जेल और ₹1 करोड़ तक का जुर्माना लग सकता है, इसने गेमिंग कंपनियों, कंटेंट क्रिएटर्स और यूज़र्स के बीच चिंता पैदा कर दी है। रिपोर्ट्स के अनुसार अगर यह बैन लागू होता है तो सोशल मीडिया पर रियल मनी गेम्स का प्रचार पूरी तरह बंद हो जाएगा और केवल सरकार से लाइसेंस प्राप्त कंपनियों को ही अनुमति मिलेगी।
सोशल मीडिया एक्सपर्ट्स का कहना है कि मिनी क्रॉसवर्ड और हॉरॉस्कोप जैसे हल्के-फुल्के फीचर्स डिजिटल यूज़र्स को रिलैक्स करने और एंगेज करने का मौका देते हैं जबकि ऑनलाइन गेमिंग बैन जैसा सख्त कदम सीधा-सीधा इंडस्ट्री और यूज़र्स की आदतों को प्रभावित करेगा। फिलहाल तीनों टॉपिक अलग-अलग सेगमेंट्स को प्रभावित कर रहे हैं लेकिन इनका ट्रेंड यह दिखाता है कि लोग एक ओर एंटरटेनमेंट और माइंड गेम्स को एंजॉय करना चाहते हैं तो दूसरी ओर डिजिटल सुरक्षा और कानून व्यवस्था भी एक बड़ी चिंता है। कुल मिलाकर मिनी क्रॉसवर्ड, हॉरॉस्कोप और ऑनलाइन गेमिंग बैन जैसे ट्रेंडिंग फीचर्स आने वाले दिनों में भी चर्चा में रहेंगे और यूज़र एक्सपीरियंस से लेकर सरकारी नीतियों तक, हर स्तर पर असर डालते नज़र आएंगे।