ट्रंप का बड़ा बयान: “यूक्रेन में जल्द शांति आएगी” – जेलेंस्की से मुलाकात में दिया संदे
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) एक बार फिर सुर्खियों में हैं। हाल ही में उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (Volodymyr Zelensky) से मुलाकात के दौरान एक ऐसा बयान दिया जिसने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में नई हलचल मचा दी है। ट्रंप ने शेखी बघारते हुए कहा कि अगर उन्हें मौका मिले तो वे बहुत जल्द रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म कर देंगे और यूक्रेन में शांति बहाल कर देंगे। उनका कहना था कि मौजूदा नेतृत्व संघर्ष को लंबा खींच रहा है जबकि वे इसे “24 घंटे के अंदर” सुलझा सकते हैं। इस बयान के बाद अमेरिकी राजनीति, यूरोप और यूक्रेन में चर्चाओं का नया दौर शुरू हो गया है।
ट्रंप ने जेलेंस्की से मुलाकात के दौरान कहा कि वे रूस और यूक्रेन, दोनों देशों के नेताओं के साथ डील करने में सक्षम हैं और अगर वे फिर से सत्ता में आते हैं तो यूक्रेन में “Peace Deal” जल्दी हो सकती है। उन्होंने यहां तक दावा कर दिया कि बाइडेन प्रशासन की कमजोर नीतियों की वजह से यह युद्ध इतना लंबा चला, वरना अब तक हालात सामान्य हो सकते थे। उनके मुताबिक, यूक्रेन और रूस के बीच सुलह करवाने के लिए “Strong Leadership” की जरूरत है और वही एकमात्र व्यक्ति हैं जो यह कर सकते हैं।
इस बयान को लेकर जेलेंस्की ने सतर्क प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यूक्रेन शांति चाहता है लेकिन किसी भी कीमत पर अपनी संप्रभुता और जमीन का सौदा नहीं करेगा। जेलेंस्की ने स्पष्ट कर दिया कि अगर शांति वार्ता होगी तो उसमें यूक्रेन की स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता से समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका और अन्य सहयोगी देशों की भूमिका महत्वपूर्ण है, लेकिन किसी भी तरह का समझौता यूक्रेनी जनता की इच्छाओं के खिलाफ नहीं होगा।
ट्रंप के इस बयान के बाद अमेरिकी मीडिया और राजनीतिक विशेषज्ञों ने सवाल उठाना शुरू कर दिया है कि क्या वास्तव में इतना जटिल युद्ध इतनी जल्दी खत्म हो सकता है। कई जानकारों का कहना है कि ट्रंप इस मुद्दे को चुनावी प्रचार के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं क्योंकि 2024 और 2025 की राजनीति में यूक्रेन युद्ध एक अहम मुद्दा बना हुआ है। वहीं, ट्रंप समर्थक इसे उनकी “Deal-Making Ability” का उदाहरण बता रहे हैं और कह रहे हैं कि अगर ट्रंप सत्ता में लौटते हैं तो वैश्विक राजनीति में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे।
रूस की ओर से भी इस बयान पर हल्की प्रतिक्रिया आई है। क्रेमलिन के सूत्रों का कहना है कि वे ट्रंप के बयान को गौर से देख रहे हैं लेकिन अभी इस पर कोई आधिकारिक टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी। हालांकि, रूसी मीडिया ने इस खबर को प्रमुखता से दिखाया और लिखा कि अमेरिका की राजनीति में यूक्रेन युद्ध को लेकर गहरी खाई मौजूद है।
यूरोपियन यूनियन के नेताओं ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी है। उनका मानना है कि ट्रंप का बयान केवल एक “Political Statement” है और इसकी वास्तविकता पर भरोसा नहीं किया जा सकता। लेकिन साथ ही यह भी स्वीकार किया कि अगर अमेरिका की नीति में बड़ा बदलाव होता है तो युद्ध पर असर पड़ सकता है।
सोशल मीडिया पर ट्रंप का यह बयान वायरल हो गया है। ट्विटर पर #TrumpOnUkraine और #PeaceDeal ट्रेंड कर रहा है। कुछ लोग कह रहे हैं कि ट्रंप केवल बयानबाजी कर रहे हैं, वहीं उनके समर्थक इसे एक आशा की किरण मान रहे हैं। खासकर अमेरिका में रिपब्लिकन समर्थक इसे एक चुनावी एजेंडा मानकर आगे बढ़ा रहे हैं।
कुल मिलाकर, ट्रंप का जेलेंस्की के सामने यह दावा कि “यूक्रेन में जल्द शांति आएगी” केवल एक बयान नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय राजनीति की दिशा और अमेरिकी चुनावी रणनीति दोनों को प्रभावित करने वाला कदम है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह बयान महज़ चुनावी वादा रह जाएगा या वास्तव में ट्रंप के पास कोई ठोस रणनीति है जो रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने में मदद कर सकती है।