UPI, FASTag, KYC August Updates – नए नियम और यूज़र्स के लिए बड़े बदलाव
अगस्त 2025 में डिजिटल पेमेंट, टोल कलेक्शन और बैंकिंग वेरिफिकेशन से जुड़े तीन अहम सिस्टम—UPI, FASTag और KYC—में बड़े अपडेट लागू हो गए हैं, जिनका सीधा असर करोड़ों यूज़र्स पर पड़ेगा, सबसे पहले बात करते हैं UPI (Unified Payments Interface) की, जहां इस महीने से RBI के नए निर्देशों के तहत UPI ट्रांज़ैक्शन लिमिट और सिक्योरिटी फीचर्स में बदलाव किया गया है, अब हाई-वैल्यू पेमेंट्स (₹2 लाख से ऊपर) के लिए एन्हांस्ड ऑथेंटिकेशन लागू होगा, जिसमें ट्रांज़ैक्शन के दौरान फेस ऑथेंटिकेशन, बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन या ओटीपी के साथ UPI पिन डालना अनिवार्य होगा, इसके अलावा UPI में इंटरनेशनल पेमेंट की प्रक्रिया और आसान हो गई है, अब NRI अकाउंट से डायरेक्ट विदेशी मुद्रा में पेमेंट किया जा सकेगा, वहीं मर्चेंट्स के लिए ऑटो-पे लिमिट बढ़ाकर ₹25,000 कर दी गई है ताकि सब्सक्रिप्शन और यूटिलिटी बिल्स का भुगतान बिना रुकावट हो सके, दूसरी ओर FASTag यूज़र्स के लिए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने अगस्त से नया नियम लागू किया है कि सभी FASTag अकाउंट को KYC अपडेट करना अनिवार्य है, अगर किसी यूज़र का KYC अधूरा है तो 31 अगस्त के बाद उसका FASTag ब्लॉक हो जाएगा, साथ ही FASTag बैलेंस चेक और रिचार्ज प्रोसेस को और आसान बनाने के लिए नया Unified Toll Payment Portal लॉन्च किया गया है, जहां एक ही डैशबोर्ड से सभी गाड़ियों के FASTag मैनेज किए जा सकते हैं, इसके अलावा डुप्लीकेट या फेक FASTag पर सख्ती बढ़ाई गई है और अब एक व्यक्ति के नाम पर केवल अधिकतम दो FASTag ही जारी होंगे, तीसरा बड़ा अपडेट KYC (Know Your Customer) में आया है, जहां बैंक और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस ने डिजिटल KYC प्रोसेस को पूरी तरह पेपरलेस कर दिया है, अब Aadhaar-based eKYC और वीडियो KYC के जरिए तुरंत वेरिफिकेशन पूरा किया जा सकता है, अगस्त से नया नियम यह भी है कि अगर किसी ग्राहक का KYC 2 साल से ज्यादा पुराना है और वह हाई-रिस्क कैटेगरी में आता है तो उसे अनिवार्य रूप से री-KYC कराना होगा, इस कदम का मकसद मनी लॉन्ड्रिंग और फ्रॉड रोकना है, साथ ही RBI ने यह स्पष्ट किया है कि री-KYC के दौरान अकाउंट ऑपरेशंस पर कोई रोक नहीं लगेगी, बशर्ते ग्राहक निर्धारित समय में डॉक्यूमेंट सबमिट कर दे, इन तीनों बदलावों का उद्देश्य डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम को ज्यादा सुरक्षित, पारदर्शी और यूज़र-फ्रेंडली बनाना है, एक्सपर्ट्स का मानना है कि इन अपडेट्स से एक तरफ जहां फ्रॉड और डेटा चोरी के मामलों में कमी आएगी वहीं दूसरी तरफ यूज़र्स को बेहतर सुविधा और तेज़ सर्विस का अनुभव मिलेगा, खासकर UPI के सिक्योरिटी अपग्रेड और FASTag के यूनिफाइड पोर्टल से करोड़ों लोग सीधे लाभान्वित होंगे, वहीं KYC प्रोसेस के पूरी तरह डिजिटल होने से बैंकिंग में समय और संसाधन दोनों की बचत होगी, सरकार और रेगुलेटरी बॉडीज़ का फोकस अब इस बात पर है कि डिजिटल लेनदेन को न सिर्फ सुरक्षित बनाया जाए बल्कि उन्हें आम जनता के लिए इतना आसान किया जाए कि कैश-लेस इकोनॉमी की दिशा में भारत तेज़ी से आगे बढ़ सके, अगस्त के इन नए नियमों से जुड़े सभी बदलाव लागू हो चुके हैं और यूज़र्स को सलाह दी गई है कि वे अपने UPI ऐप्स को अपडेट करें, FASTag KYC जल्द से जल्द पूरी करें और बैंक KYC स्टेटस चेक कर लें ताकि किसी भी तरह की असुविधा से बचा जा सके