उत्तर प्रदेश दहेज कांड: लाखों का दहेज देने के बाद भी ससुरालियों ने 36 लाख रुपए और मांगे
उत्तर प्रदेश से सामने आया एक Dowry Harassment Case समाज की सोच और दहेज की कुप्रथा पर बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है क्योंकि यहां एक परिवार ने शादी के वक्त पहले ही भारी-भरकम दहेज दिया, लेकिन इसके बावजूद ससुरालवालों की लालच खत्म नहीं हुई और उन्होंने लड़की वालों से अतिरिक्त 36 लाख रुपए की मांग कर दी। रिपोर्ट्स के मुताबिक यह मामला लखनऊ के पास के एक कस्बे का है जहां शादी बड़े धूमधाम से की गई थी। दुल्हन के परिवार ने गाड़ियों, ज्वेलरी, नकदी और महंगे गिफ्ट्स मिलाकर लाखों का दहेज पहले ही दिया था, लेकिन शादी के कुछ ही दिनों बाद लड़की को उसके ससुरालवालों ने फिर से पैसों के लिए परेशान करना शुरू कर दिया। बताया जा रहा है कि लड़के के परिवार ने लड़की से कहा कि अगर उसके मायके वाले 36 लाख रुपए और नहीं देंगे तो उसे मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना झेलनी पड़ेगी। मामला तब सुर्खियों में आया जब लड़की के पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और बताया कि शादी में अब तक उन्होंने अपनी हैसियत से कहीं ज्यादा खर्च किया है लेकिन फिर भी दहेज की मांग खत्म होने का नाम नहीं ले रही। पुलिस ने IPC की धारा 498A और दहेज निषेध अधिनियम के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। महिला आयोग ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है और कहा है कि दहेज के लालच में बेटियों की जिंदगी बर्बाद करने वाले लोगों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए। इस घटना से जुड़े सोशल मीडिया पोस्ट्स तेजी से वायरल हो रहे हैं और लोग दहेज प्रथा को खत्म करने के लिए सख्त कदम उठाने की मांग कर रहे हैं। ट्विटर पर #StopDowry और #JusticeForBrides जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। समाजशास्त्रियों का कहना है कि आज के समय में जब महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं, ऐसे में दहेज की प्रथा न सिर्फ पिछड़ेपन की निशानी है बल्कि कानून और इंसानियत दोनों के खिलाफ है। विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि यह केस आने वाली पीढ़ी के लिए चेतावनी है कि शादी को आर्थिक सौदेबाजी बनाने की मानसिकता समाज के लिए बेहद खतरनाक है। कुल मिलाकर उत्तर प्रदेश का यह दहेज कांड यह साबित करता है कि भले ही कानून बने हों, लेकिन अगर समाज की सोच नहीं बदली तो बेटियों की जिंदगी ऐसे ही दांव पर लगती रहेगी और दहेज की कुप्रथा हमें बार-बार शर्मसार करती रहेगी