Voice calling fraud : AI cyber crimeआपकी आवाज बनाकर करते हैं आपके करीबियों से पैसों की मांग रहे सावधान 1

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Voice calling fraud : AI cyber crime आपकी आवाज बनाकर करते हैं आपके करीबियों से पैसों की मांग रहे सावधान 

अज़हर मलिक 

AI Voice calling fraud : देश के अंदर सोशल मीडिया पर फर्जी प्रोफाइल OTP समेत अन्य तरीकों से ठगी हो रही थी, लेकिन अब जालसाज एआई की वॉयस क्लोनिंग टूल की मदद ले रहे हैं। यह टूल tool आपकी आवाज इतने सलीके से नकल करता है कि अपनी व टूल tool की आवाज में अंतर नहीं कर पाएंगे।

 

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अचानक से दोस्त का या किसी सगे संबंधी का कॉल आए और वह पैसे मांगे तो सावधान हो जाएं! ऐसे किसी व्यक्ति को अपनी बैंक डिटेल भी न दें, यदि मामला ज्यादा जरूरी हो तो एक बार फोन करके कंफर्म कर लें कि सच में मदद मांगने वाला आपका दोस्त या परिचित ही है।

 

साइबर अपराधियों ने लोगों को ठगने का नया तरीका अपनाया है. अब तक सोशल मीडिया पर फर्जी प्रोफाइल बनाकर पैसे मांगने वाले या फोन कर ओटीपी पूछने वाले यह अपराधी अब आपको आपका दोस्त बनकर फोन कर रहे हैं, इसके लिए ये AI वॉयस क्लोनिंग टूल की मदद ले रहे हैं, ये टूल इतने सलीके से आवाज की नकल करता है कि आप खुद आवाज में अंतर नहीं कर पाते और ठगी का शिकार हो जाते हैं

 

 

कैसे बना रहे ठगी का शिकार

 

साइबर अपराधी सबसे पहले शिकार चुनते हैं, फिर उसके नाते रिश्तेदार या दोस्त की पहचान की जाती है, AI टूल्स की मदद से उसकी वॉयस क्लोनिंग करते हैं और फिर परिचित की आवाज में फोन करके ये बताते हैं कि उनका एक्सीडेंट हो गया, पर्स चोरी हो गया, या वो किसी बड़ी मुसीबत में हैं, इसीलिए उन्हें कुछ मदद चाहिए. कई बार तो ये अपराधी पीड़ित का बेटा-बेटी, पति या पत्नी बनकर कार्ड की डिटेल भी पूछ लेते हैं.

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ठगी से बचाव के लिए करें यह उपाय

 

6 : सोशल मीडिया के युग में डाटा की सुरक्षा सबसे बड़ा सवाल है, ऐसे में किसी भी नए एप पर अपनी जानकारी देने से पहले इस बात की जांच कर लें की एप कितनी विश्वसनीय है.

 

5 : यदि फोन करने तक अपराधी के खाते में रकम ट्रांसफर नहीं हुई तो हो सकता है कि आप ठगी का शिकार होने से बच जाएं।

 

4 : अलग-अलग अकाउंट का अलग-अलग पासवर्ड रखें, एक-जैसे पासवर्ड बनाने से बचें।

 

3: यदि दोस्त या सगे-संबंधी की आवाज में पैसे के लिए फोन आए तो एक बार खुद फोन करके कंफर्म कर लें ।

 

2: साइबर फ्रॉड के शिकार होने पर हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत करें।

 

 

1 : साइबर फ्रॉड का शिकार होने की बात जैसे ही पता चले तुरंत ही हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत करें, यह राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर है।

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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल कर अब साइबर जालसाजी हो रही है। एआई से दोस्त, रिश्तेदार की आवाज बदलकर साइबर जालसाज फोन कर ठगी को अंजाम दे रहे हैं। अगर आपके पास भी कोई सगा संबंधी बनकर फोन कर मदद के नाम पर पैसे मांगे तो सावधान हो जाएं। यूपी साइबर क्राइम अब हाल के महीनों में हुई वॉयस कॉल फ्रॉड में एआई के इस्तेमाल की जांच कर रही है। एआई से हो रहे साइबर फ्रॉड को लेकर एडवायजरी भी जारी की गई है।

 

AI Voice calling fraud
AI Voice calling fraud

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विस्तार होने के साथ ही साइबर जालसाजों ने लोगों को ठगने का नया तरीका अपनाया है। अब तक सोशल मीडिया पर फर्जी प्रोफाइल, ओटीपी समेत अन्य तरीकों से ठगी हो रही थी, लेकिन अब जालसाज एआई की वॉयस क्लोनिंग टूल की मदद ले रहे हैं। यह टूल आपकी आवाज इतने सलीके से नकल करता है कि अपनी व टूल की आवाज में अंतर नहीं कर पाएंगे। इसके लिए साइबर क्रिमिनल सबसे पहले किसी शख्स को ठगी के लिए चुनते हैं। इसके बाद उसकी सोशल मीडिया प्रोफाइल को देखते हैं और उसकी किसी

 

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इसके बाद एआई की वॉयस क्लोनिंग टूल की मदद से उसकी आवाज क्लोन करते हैं। फिर उनके परिचित को उसकी आवाज में फोन कर बताया जाता है कि उनका एक्सिडेंट हो गया है या कोई भी इमरजेंसी स्थिति बताकर ठगी की जा रही है। यूपी साइबर क्राइम के एसपी प्रो. त्रिवेणी सिंह का कहना है कि एआई की मदद से साइबर ठगी में एनसीआर के कई मामलों की जांच हो रही है। हाल के महीने में दर्जनों ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें एआई के इस्तेमाल होने की आशंका है। साइबर क्राइम की टीम सभी पहलुओं पर जांच कर रही है।

तीन से पांच सेकेंड की आवाज से वॉयस क्लोनिंग आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के माध्यम से किसी की भी आवाज की नकल करने के लिए सिर्फ तीन से पांच सेकेंड का वीडियो चाहिए। साइबर क्रिमिनल फेसबुक, इंस्टाग्राम या यूट्यूब पर सर्च कर किसी भी आवाज का सैंपल ले लेते हैं। इसके बाद वायस क्लोन कर उनके परिचित, रिश्तेदारों को फोन किया जाता है। आवाज की क्लोनिंग ऐसी होती है कि पति-पत्नी, पिता पुत्र तक आवाज नहीं पहचान पा रहे हैं।

सगे संबंधी का फोन आए तो पहले कर लें पता दिनों दिनों में इस तरह की घटनाएं लगातार बढ़ी हैं। दोस्त रिश्तेदार बनकर मदद व इमरजेंसी के नाम पर लाखों की जालसाजी कर रहे हैं। अगर आपके पास दोस्त, रिश्तेदार की आवाज में किसी नंबर से फोन आए तो आप सतर्क हो जाएं। तुरंत ही उनके पास फोन कर पहले जानकारी लें तब पैसे दें। केवल आवाज पहचान कर पैसे दिए तो फंस जाएंगे

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