Weather Update 2025: गर्मी का कहर या राहत की बारिश? जानिए आज का मौसम कैसा रहेगा
देशभर में मौसम का मिजाज तेजी से बदल रहा है। कहीं धूप बेहिसाब झुलसा रही है तो कहीं अचानक हुई बारिश ने तापमान को नीचे गिरा दिया है। जून 2025 के इस चौथे सप्ताह में मौसम विभाग (IMD) ने एक बार फिर चेतावनी जारी की है, जो आम जनता के साथ-साथ किसानों और ट्रैवलर्स के लिए बेहद जरूरी है।
उत्तर भारत में खासतौर पर दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में पारा 43 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। राजधानी दिल्ली में लू का प्रकोप अब भी जारी है, हालांकि कुछ इलाकों में बादल छाए रहने से आंशिक राहत मिल सकती है। मौसम विभाग के मुताबिक अगले 48 घंटों में हल्की बूंदाबांदी और धूल भरी आंधी की संभावना बनी हुई है।
वहीं, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्यों में मौसम ने एक बार फिर करवट ली है। देहरादून, मसूरी, नैनीताल और शिमला जैसे पर्यटक स्थलों पर हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई, जिससे वहां तापमान में गिरावट आई है। पहाड़ी रास्तों पर फिसलन और भूस्खलन की चेतावनी भी दी गई है।
मध्य भारत के राज्यों—मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और विदर्भ क्षेत्र में उमस भरी गर्मी का दौर बना हुआ है। किसान अभी भी मानसून की पहली जोरदार बारिश का इंतजार कर रहे हैं। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार मानसून सामान्य रहेगा, लेकिन शुरुआत में थोड़ा देरी हो सकती है।
दक्षिण भारत की बात करें तो केरल और कर्नाटक में मॉनसून प्रवेश कर चुका है। यहां लगातार बारिश हो रही है जिससे निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति बन गई है। बेंगलुरु और कोच्चि में अगले तीन दिनों तक भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है।
पूर्वोत्तर भारत में भी अच्छी बारिश हो रही है। असम, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश में नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है, जिससे बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। एनडीआरएफ की टीमें अलर्ट मोड पर हैं।
मौसम विभाग के अनुसार 25 जून के बाद पूरे देश में मॉनसून अपनी पकड़ मजबूत करेगा। खासकर यूपी, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में मानसून की सक्रियता बढ़ेगी।
मौसम से जुड़े कुछ जरूरी सुझाव:
अधिक गर्मी वाले क्षेत्रों में दोपहर 12 से 3 के बीच बाहर न निकलें।
धूप में निकलते समय छाता, टोपी और पानी साथ रखें।
पहाड़ी इलाकों में यात्रा करने से पहले मौसम की जानकारी जरूर लें।
बच्चों और बुजुर्गों को मौसम के अनुसार विशेष ध्यान दें।
देश में मौसम का यह उतार-चढ़ाव न केवल सेहत पर असर डालता है बल्कि फसल, ट्रैवल और रोजमर्रा की ज़िंदगी को भी प्रभावित करता है। इसलिए अपने इलाके की मौसम अपडेट पर नजर बनाए रखें।