भारत में बढ़ती बेरोज़गारी पर युवा क्या सोचते हैं – 2025 में उनकी राय
नमस्ते! आज हम जानेंगे कि 2025 में भारत में बेरोज़गारी बढ़ने के बीच युवा वर्ग के विचार क्या हैं? इस विषय को सरल और संवादात्मक अंदाज़ में पेश किया गया है, ताकि स्क्रिप्ट SEO फ्रेंडली हो और वीडियो वॉयसओवर के लिए भी प्रत्याशित रहे।
1. युवा और बेरोज़गारी: आंकड़ों की पूरी तस्वीर
अप्रैल 2025 में 15–29 आयु वर्ग में बेरौज़गारी दर 13.8% थी, जो राष्ट्रीय औसत 5.1% से लगभग दोगुनी है ।
Economic Survey 2024‑25 हमारे सामने लाता है कि केवल 51.25% ग्रेजुएट्स ही employable पाए गए, यानी लगभग आधे युवा नौकरी के लिए तैयार नहीं हैं ।
2. युवा क्या कहते हैं: उनकी प्रमुख चिंताएँ
कौशल और शिक्षा का फासला
युवा बताते हैं कि शैक्षणिक डिग्री मिलने के बाद भी नौकरी नहीं मिलना सामान्य हो गया है।
Reddit पर एक जनरल व्यंग्य बताते हुए कहा गया:
“Skill to koi 6 महीना काम करके भी सीख जाऊंगा, लेकिन पहले उसे कोई job तो दे…”
अवसरों का अभाव और आत्म‑आत्मविश्वास की कमी
Many युवा कहते हैं कि सरकारी और आईटी की नौकरियाँ के प्रति cultural fixation है, लेकिन वे नौकरियाँ या तो सीमित हैं या skill‑mismatch की वजह से मिलने में कठिन हैं ।
🤖 AI और automation का खतरा
AI‑उन्मुख तकनीकी बदलावों के कारण नई नौकरियाँ भी कम हो रही हैं: SignalFire रिपोर्ट के अनुसार 2024 में टेक कंपनियों में fresh graduate hiring 2019 के मुकाबले 50% से अधिक गिर गई ।
Economic Survey बताती है कि यह संक्रमण सहज नहीं है—AI पहले नौकरियाँ खा सकता है, फिर नई मौके लाएगा, लेकिन समय लगेगा ।
— 3. बेरोज़गारी का मानसिक असर
Economic Survey 2024‑25 ने चेताया कि prolonged unemployment से तनाव, डिप्रेशन और मानसिक स्वास्थ्य संकट बढ़ रहा है, खास तौर पर युवाओं में—जो भारत की demographic dividend के लिए खतरा है ।
यह संकट कार्यक्षमता और आर्थिक वृद्धि बाधित कर सकता है।
4. राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया
जून 2025 में बिहार में कन्हैया कुमार (NSUI) ने बेरोज़गारी के विरोध में symbolic protest किया — युवाओं की पे्ररित तलाश को दर्शाते हुए और सरकारी योजनाओं की विफलता का आरोप लगाते हुए ।
कांग्रेस नेता Allavaru ने कहा कि कार्यकाल के दौरान बेरोज़गारी पर सरकारी वादे पूरे नहीं हुए—जबकि Youth Congress ज़ोर देता है कि रोजगार मेलों जैसे प्रयासों से हजारों युवाओं को रोजगार मिला है ।
Financial Times की नीति पॉलिसी पोल इंगित करता है कि डेटा पर संदेह है—लेकिन इसकी पुष्टि किए बगैर productive engagement को प्राथमिकता दी जानी चाहिए ।
5. युवा सुझाव: समाधान और अपेक्षाएँ
➤ Skill‑driven upskilling
युवा चाहते हैं कि शिक्षा‑संस्थानों और उद्योगों के बीच तालमेल मजबूत हो—इन्टर्नशिप, soft-skills, digital literacy, vocational कोर्सेस शामिल हों ।
➤ स्वरोजगार और MSMEs को समर्थन
talkativemagazine की आवाज़ बताती है: micro enterprises को समर्थन मिले—क्योंकि यही जॉब क्रिएटर हैं ।
➤ टियर‑2 और टियर‑3 शहरों में अवसर
Gen‑Z बड़ी शहरों से दूर हो रहे हैं, वे चाह रहे हैं quality life, remote work, और छोटे शहरों में रोजगार के विकल्प विकसित हों ।
➤ रोजगार सुरक्षा और गुणवत्ता
मंत्रणा में राजनीतिक रूप से कहा जा रहा है— समस्या सिर्फ नौकरियों की संख्या की नहीं, बल्कि उनकी सुरक्षा, वेतन और career alignment की भी है ।
वीडियो वॉयसओवर स्क्रिप्ट (संवादात्मक टोन में)
> “भारत में युवा अब बेरोज़गारी को सिर्फ एक आंकड़ा नहीं मानते। वे उसे जीवन‑पर्याय, एक असल समस्या देखते हैं।
अप्रैल 2025 की रिपोर्ट बताती है कि 15 से 29 साल की आयु वर्ग में बेरोज़गारी का दर लगभग 13.8% है—यह ग्रामीण‑शहरी दोनों में युवा चिंता का कारण है।
डिग्री हो जाए, लेकिन नौकरी ना मिले—यही युवा नाराज़गी का सबसे बड़ा कारण है। AI‑driven automation और educational mismatch ने समस्या को और गंभीर बना दिया।
केवल सुनने से काम नहीं चलेगा: युवा सुधार चाहते हैं—industry‑aligned vocational training, internships, entrepreneurship support और Tier‑2 शहरों में रोजगार के अवसर।
सरकार और शिक्षाशास्त्र संस्थानों को अब मिलकर काम करना होगा, ताकि युवा अपनी उम्मीदों को पूरा कर सकें, और भारत की demographic dividend सचमुच सफल हो।