जब डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने किया दूल्हे का श्रृंगार

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जब डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने किया दूल्हे का श्रृंगार

सर्वधर्म सम्भाव यात्रा: हर घर अफसर, घर—घर अफसर अभियान में जुड़ रहे बच्चे और उनके अभिभावक

घर में दूल्हे को तैयार किया जा रहा है। बाहर मेहमान बारात की रवानगी का इंतजार कर रहे हैं और तभी कुछ ऐसा होता है कि लोग चौंक जाते हैं। जी हां, आमला के ग्राम परसोड़ी में गुरुवार को नजारा ही कुछ अलग था। यहां डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने दूल्हे अनिल पवार का श्रृंगार करने में उसके परिजनों की मदद की। इसके बाद बारात रवाना हुई।
दरअसल, बांगरे यहां अंतर्राष्ट्रीय सर्वधर्म सम्भाव यात्रा के साथ पहुंची थीं। यह यात्रा आमला में 25 जून को होने वाले अंतर्राष्ट्रीय सर्वधर्म शांति सम्मेलन एवं विश्व शांति प्रतिभा सम्मान समारोह के प्रचार—प्रसार के लिए निकाली जा रही है।
गुरुवार को यात्रा ग्राम परसोड़ी, भुरकाल ढाना, मंगारा और बारंगवाड़ी मुआयरा पहुंची। परसोड़ी में डिप्टी कलेक्टर बांगरे घर—घर लोगों को सम्मेलन के लिए आमंत्रित कर रही थीं, तभी वे दूल्हे अनिल पवार के घर पहुंचीं और उसे भी सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया।

 अभियान के बारे में बताया

समिति के अन्य सदस्यों ने ग्रामीणों के घर—घर पहुंचकर सम्मेलन से जुड़ी जानकारियां दीं और बांगरे के बच्चों के लिए शुरू किए गए विशेष अभियान ‘हर घर अफसर, घर—घर अफसर’ का उद्देश्य बताया। साथ ही सम्मेलन में बनने वाले अंतर्राष्ट्रीय खिचड़ा प्रसाद के लिए गांव वालों से एक—एक मुट्ठी अनाज भी एकत्रित किया।

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गांव में यात्रा का स्वागत

इससे पहले परसोड़ी गांव के लोगों ने डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे का फूल माला और ढोल नगाड़ों के साथ स्वागत किया। गांव की बेटी पूजा ने अफसर बनने की इच्छा जाहिर करते हुए जानकारी ली। इस पर बांगरे ने उसका उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि लक्ष्य कोई बड़ा नहीं होता, बस सही समय पर सही मार्गदर्शन की जरूरत होती है। इसी लक्ष्य को पूरा करने के उद्देश्य से उन्होंने अभियान शुरू किया है। इसकी हेल्पलाइन भी शुरू की गई है।

कलाम का दिया उदाहरण

डिप्टी कलेक्टर बांगरे ने युवाओं में जोश भरते हुए मिसाइलमैन डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम का उदाहरण देते हुए समझाया। उन्होंने कहा, जो बच्चे जीवन में लक्ष्य प्राप्ति के लिए लगातार मेहनत कर रहे हैं, उन्हें कलाम साहब की तीन बातें हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि मेरा लक्ष्य क्या है, उसके बाद कड़ी मेहनत करना है और आखिर में सबसे प्रमुख बात है कि अच्छी किताबें पढ़ना बहुत जरूरी है‌।

 भंडारे में परोसी प्रसादी

इस मौके पर बांगरे और समिति के अन्य सदस्य गांव के बजरंग मंदिर में चल रहे शिवपुराण के पाठ में शामिल हुए और प्रसादी ग्रहण की। इस मौके पर खास यह रहा कि बांगरे ने भी भंडारे में लोगों को प्रसादी परोसी। सरपंच सरिता नांगले ने कहा कि शांति सम्मलेन आमला की धरती पर हो रहा है, यह हमारे लिए गौरव की बात है इस सम्मलेन को सफल बनाने के लिए हम सभी लोगों का पूरा सहयोग रहेगा।

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