योगा गुरुओं के खिलाफ सोशल मीडिया मुहिम क्यों जरूरी है

Advertisements

योगा गुरुओं के खिलाफ सोशल मीडिया मुहिम क्यों जरूरी है

 

आजकल आप सोशल मीडिया पर स्क्रॉल करते हुए अचानक किसी “योगगुरु” की वीडियो देखते हैं — जो दावा कर रहा है कि सिर्फ 3 दिन में डायबिटीज़ खत्म, बिना दवा के कैंसर गायब, या फिर एक आसन से कुण्डलिनी जागरण! लेकिन सवाल ये है — क्या ये सब वाकई योग है, या सिर्फ दिखावा और धंधा?

Advertisements

 

आज बात करेंगे उन फर्जी योगा गुरुओं की जो आध्यात्म और विज्ञान की आड़ में सिर्फ पब्लिसिटी और पैसा कमा रहे हैं। और साथ ही ये भी समझेंगे कि इन पर सोशल मीडिया पर खुलकर आवाज़ उठाना क्यों ज़रूरी हो गया है।

 

 

 

📢 योग: आध्यात्म नहीं, अब ‘ब्रांड’ बन चुका है?

 

योग, जो कभी आत्म-संयम, शांति और जीवन-दर्शन का प्रतीक था, आज कई लोगों के लिए सिर्फ एक ब्रांडिंग टूल बन चुका है। कुछ फर्जी योग गुरु सोशल मीडिया फॉलोअर्स बढ़ाने, महंगे कोर्स बेचने और अंधभक्त बनाने में लगे हैं।

 

इनका फोकस ज्ञान नहीं, बल्कि वायरल वीडियो, रील्स में ड्रामा, और ड्राइंग-रूम से लाइव ध्यान तक सीमित हो चुका है। असली योग की गहराई कहीं खो सी गई है।

फर्जी योगा गुरुओं की पहचान कैसे करें?

 

1. अवास्तविक दावे – “10 मिनट में BP कंट्रोल”, “1 आसन से हर रोग का इलाज” जैसे बयान।

 

 

2. कोई मेडिकल प्रमाण नहीं – रिसर्च या साइंटिफिक वैलिडेशन नहीं होता, बस भक्ति और डर का इस्तेमाल।

 

 

3. व्यावसायिक लालच – महंगे ऑनलाइन कोर्स, फेक प्रमाणपत्र, और expensive retreats जिनमें योग से ज़्यादा बिजनेस होता है।

 

 

4. ‘गुरु’ की पर्सनल ब्रांडिंग ज़्यादा, योग कम – जहां गुरु का चेहरा ब्रांड बन जाता है, और योग एक एक्स्ट्रा।

 

 

 

सोशल मीडिया पर कैसे फैल रही है यह फर्जीगीरी?

 

2025 में जहां हर कोई influencer बनने की होड़ में है, वहीं फर्जी योगा गुरु लाखों views, comments और blind followers के जरिए एक illusion create कर रहे हैं।

YouTube thumbnails – “Shock हुआ डॉक्टर!”,

Instagram reels – “Instant Kundalini Activation!”

TikTok पर – “सिर्फ एक मंत्र से सब कुछ बदल दो!”

 

इनकी reach इतनी तेज़ है कि science और real योग teachers की आवाज़ दब जाती है।

 

 

 

⚖️ इनसे होता क्या है नुकसान?

 

लोग इलाज की जगह ढोंग में फंस जाते हैं, समय और पैसा दोनों गँवाते हैं

 

Medical advice छोड़कर blind faith अपनाते हैं, जिससे जान का जोखिम होता है

 

वास्तविक योगाचार्यों की साख को नुकसान पहुंचता है, जो सच्चे मन से योग सिखाते हैं

 

देश और योग की छवि इंटरनेशनल लेवल पर बदनाम होती है, जब विदेशी लोग भी फर्जी गुरुओं का शिकार होते हैं

 

असली योग क्या कहता है?

 

योग सिर्फ शरीर को मरोड़ने का नाम नहीं है। यह जीवन को संतुलित करने की प्रक्रिया है। पतंजलि योगसूत्र के अनुसार, योग “चित्त की वृत्तियों का निरोध” है – यानि मन को स्थिर करना। इसमें:

 

संयम है

 

ध्यान है

 

प्राणायाम है

 

और सबसे ज़रूरी – विनम्रता और सेवा का भाव है

 

 

जब कोई गुरु खुद को भगवान घोषित कर दे, तो समझ जाइए कि वहाँ ज्ञान नहीं, अहंकार बोल रहा है।

 

सोशल मीडिया पर जागरूकता जरूरी क्यों है?

 

क्योंकि आज यहीं से लोगों की सोच बनती है।

जब कोई influencer-style गुरु लाखों लोगों को गुमराह करता है, तो counter करने के लिए responsible creators की ज़िम्मेदारी बनती है कि वो सच्चाई सामने लाएं।

 

सोशल मीडिया पर #FakeGuruExpose जैसे campaigns चलाना, fact-check वीडियो बनाना और real योगाचार्यों की आवाज़ amplify करना अब जरूरी हो गया है।

 

 

 

🔍 कुछ चर्चित उदाहरण जिनसे सीखने की ज़रूरत है:

 

XYZ गुरु ने दावा किया – “मिर्गी का इलाज मंत्र से”, लेकिन मरीज की हालत और बिगड़ गई

 

एक और सोशल मीडिया गुरु ने लाइव योगा क्लास में बताया – “मेडिटेशन से हाइट बढ़ती है!”

 

भारत से लेकर अमेरिका तक ऐसे मामले बढ़ रहे हैं, जहां लोग झूठे दावों के चक्कर में बीमारी, डिप्रेशन और आ

र्थिक नुकसान के शिकार हो रहे हैं

समाधान क्या है?

 

1. जागरूकता बढ़ाएं – हर viral योग क्लि

Advertisements

Leave a Comment