स्वास्थ्य सिस्टम की लापरवाही ने दुधमुंही बच्ची को सुला दिया मौत की नींद
अमित कंडियाल / ऋषिकेश : राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश में सिस्टम की लापरवाही ने एक दुधमुंही बच्ची को जिंदगी भर के लिए मौत की नींद सुला दिया। यह हाल तब है जब लगातार अधिकारी और मंत्री अस्पताल का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने का दावा करते थक नहीं रहे हैं।
चंद्रेश्वरनगर निवासी सब्जी विक्रेता राजू अपनी पत्नी सीमा के साथ 8 माह की बच्ची को बीती शाम सात बजे राजकीय चिकित्सालय की इमरजेंसी में लेकर पहुंचे। परिजनों के मुताबिक बच्ची को उल्टियां हो रही थी। उन्होंने इलाज के लिए इमरजेंसी में मौजूद डॉक्टर से बच्ची को एडमिट करने की गुहार लगाई। मगर डॉक्टर ने बच्ची को दवाई देकर चलता कर दिया। कहा कि दवाई से बच्ची ठीक हो जाएगी और सुबह ओपीडी में बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर को दिखाने आना। विश्वास कर परिजन बच्ची को घर ले गए। दवाई देने के बावजूद सुबह के समय बच्ची की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई। आनन-फानन में परिजन फिर राजकीय चिकित्सालय की इमरजेंसी में पहुंचे जहां डॉक्टर ने फिर पर्ची बनवा कर ओपीडी में डॉक्टर को बच्ची का चेकअप कराने के लिए कहा। करीब डेढ़ घंटे बाद डॉक्टर के पास नंबर आया तो चेकअप के बाद बच्ची को अस्पताल में भर्ती किया गया, लेकिन उपचार के दौरान बच्ची ने दम तोड़ दिया। यह सुनते ही परिजनों के पैरों तले जमीन खिसक गई। वह सिसक सिसक कर रोने लगे। डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर कोसने लगे।
सुनिए क्या कुछ कहना है मृतक की बच्ची की मां सीमा का
राजू मृतक बच्ची का पिता ने क्या कुछ कहा
सुनिए अस्पताल पर लगे आरोपो पर क्या कुछ बोले डा. प्रदीप चंदोला चिकत्सा अधीक्षक ऋषिकेश का