दुर्लभ कश्यप की मौत के बाद सोशल मीडिया पर जिंदा दुर्लभ कश्यप जाने कौन था?
आंखों में सूरमा , माथे पर बड़ा सा टीका , कंधे पर गमछा कांड करने से पहले महाकाल का नाम… सोशल मीडिया पर ट्रेंडग में चल रही वीडियो तो आप ने देखी ही होगी, यह वीडियो एक गैंगस्टर की है जिस का गैंग उज्जैन के गैंगस्टर दुर्लभ कश्यप के नाम से जाना जाता है दुर्लभ कश्यप के वीडियो आपकी नजर के सामने जरूर आया होगा। वो जो कच्ची उम्र में ही जुर्म की दुनिया का बादशाह बनना चाहता था, 18 साल से कम की उम्र में ही डेढ़ सौ लड़कों का का ग्रुप बना कर घूमता था दुर्लभ कश्यप दुर्लभ कश्यप भले ही दो साल पूर्व गैंगवार में मारा क्यों ना गया हो लेकिन आज भी लेकिन आज भी उस को एक अलग स्टाइल से जाना जाता है नई उमर के अधिकाश लड़के उस की वीडियो देखा उस के जैसा ही बनना चाहते है
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में भाजपा नेता के बेटे पशुपतिनाथ सिंह के मर्डर के बारे में तो आपने सुना ही होगा उसके कातिलो का गैंग भी दुर्लभ कश्यप के फैन निकले
पुलिस की मुठभेड़ में गिरफ्तार 307 गैंग का सरगना राहुल सरोज के मोबाइल फोन में दुर्लभ कश्यप पर बनी कई वीडियो भी दिखाई दी इतना ही नहीं राहुल के इंस्टाग्राम पर रिलीज और फेसबुक वीडियो पर भी दुर्लभ कश्यप हुआ हुआ मिलती-जुलती है वीडियो दिखाई दे माथे पर तिलक आंखों में काजल कंधे पर गमछा हल्की सी गाड़ी गले में रुद्राक्ष की माला पहनने वाले दुर्लभ कश्यप की तरह ही राहुल रहने की कोशिश करता था
जयप्रकाश नगर, चंदुआ छित्तूपुर, शिवपुरवा, माधोपुर के उसके 307 गैंग में लगभग 40 से 45 नौजवान शामिल हैं। इस गैंग का एक व्हाट्सएप ग्रुप है जो 307 के नाम से है यह सभी मेंबर इसमें सदस्य हैं जानकारी के अनुसार इसका एडमिन राहुल सरोज और विकास राजभर, और तीसरा एडमिन पवन है, 307 के गैंग मेंबर के सदस्यों का जन्मदिन यह बनाना नहीं भूलते थे धूमधाम से उसका जन्मदिन भी सेलिब्रेट करते थे
पुलिस क्राइम ब्रांच की टीम ने जब राहुल और पवन के मोबाइल खंगालने शुरू किए तो उसमें वीडियो और फोटो ऐसे निकल कर सामने आए जिन्हें देखकर क्राइम ब्रांच की टीम भी जॉब गई राहुल के इंस्टाग्राम और फेसबुक अकाउंट की पोस्ट पर भी खतरनाक और चेतावनी वाले थे, यही कारण था कि इनकी एक्टिविटी किसी माफियाओं से कम नहीं थी, बुधवार रात राहुल से विवाद के बाद एक झटके में 30 से 40 लड़के बाइक से 15 से 20 मिनट में जयप्रकाश नगर आ गए।
दुर्लभ और उसकी गैंग के साथियों को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून यानी NSA के तहत सूबे की अलग-अलग जेलों में भेज दिया गया. दुर्लभ को शुरुआत में जबलपुर जेल भेजा गया. उस वक़्त वह नाबालिग था. बालिग होने में कुछ महीने बचे थे. दुर्लभ ने इस बात का फायदा उठाया. पुलिस ऐक्शन के खिलाफ जबलपुर हाई कोर्ट में अपील कर दी. अप्रैल 2019 में हाई कोर्ट ने दुर्लभ के पक्ष में फैसला देते हुए उसे बाल सुधार गृह भेजने का आदेश दिया.
क्राइम ब्रांच से मिली जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश के उज्जैन का रहने वाला दुर्लभ कश्यप कम उम्र का सबसे बड़ा गैंगस्टर था और सबसे बड़ा गैंगस्टरो का ग्रुप भी 6 सितंबर 2020 को दुर्लभ कश्यप पुरानी रंजिश के दौरान गैंगवार हो गई थी जिस में गुलाब कश्यप मारा गया था,
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक, दुर्लभ को 30 से ज्यादा बार चाकू से गोदा गया था. दुर्लभ की मौत के बाद उसकी अंतिम यात्रा सोशल मीडिया पर एक इवेंट की शक्ल ले चुकी थी. जो लोग अबतक दुर्लभ से मिले भी नहीं थे, वो उसकी अंतिम यात्रा में शामिल हुए. सोशल हैंडल्स से अंतिम यात्रा का लाइव किया गया. सोशल मीडिया पर दुर्लभ का वजन कुछ इतना बढ़ा दिया गया कि उसकी असली इमेज ही छिप गई. बताया जा रहा है जुर्म की काली दुनिया में मात्र 18 साल की उम्र में ही हत्या का प्रयास लूट रंगदारी जैसी जघन्य वारदात को अंजाम देकर कदम रख चुका था दिलीप कश्यप की चर्चाएं तब से शुरु हो गई जब उसने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट किया उस पोस्ट में लिखा था कि कोई भी कैसा भी विवाद हो दुर्लभ कश्यप से संपर्क करें।
दुर्लभ कश्यप अपने स्टेटस पर हमेशा कुख्यात बदमाश, हत्यारा लिखता था। उसने अपनी सोशल मीडिया टीम अलग बना रखी थी फेसबुक अकाउंट से जेल में बंद कुख्यात अपराधियों की भी फोटो डालता रहता था उसके गैंग में डेढ़ सौ से अधिक लड़के शामिल थे जो उसके इशारों पर किसी का भी कैसा भी काम करने का माद्दा रखते थे।
यही कारण रहा कि 18 साल की उम्र में ही दुर्लभ कश्यप पर नो अपराधिक मुकदमे दर्ज थे दुर्लभ कश्यप भले ही मर गया हो लेकिन सोशल मीडिया पर उसके जैसे दर्जनों से फेसबुक पेज है, मिली जानकारी के अनुसार लगभग डेढ़ दर्जन भेजो पर लगभग वीडियो पोस्ट होता रहता है वीडियो पोस्ट करने वाले दुर्लभ कश्यप जैसे ही ड्रेस कोड में रहते हैं जिस पर हजारों से लाइव न्यूज़ आते हैं