बाहुबली मुख्तार अंसारी पर गैंगस्टर एक्ट के तहत फैसला 10 साल की सजा 5 लाख का जुर्माना 26 साल बाद मिला इंसाफ

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बाहुबली मुख्तार अंसारी पर गैंगस्टर एक्ट के तहत फैसला 10 साल की सजा 5 लाख का जुर्माना 26 साल बाद मिला इंसाफ

 

 

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एक कहावत तो आप सब ने जरूर सुनी होगी कि जुल्म के रास्ते कितने भी मकवेली क्यों ना हो आज तो उसका जेल की कालकोठरी में जाकर ही होता है, ऐसा ही मामला कुछ भी एक बाहुबली नेता से मिलता जुलता सामना है जिसने अपने पास जो हकीकत ताकत पर अपराधिक दुनिया में वेद नाम कमाया लेकिन जिसका खामियाजा अब भुगतना पड़ रहा है दरअसल मामला 1996 से जुड़ा हुआ है जिसका न्याय 2023 में मिला कोर्ट में 10 साल की सजा 5 लाख का जुर्माना लगाया है पूरा मामला अवधेश राय हत्याकांड से जुड़ा है जिसमें उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेता कहे जाने वाले मुख्तार अंसारी से तार जुड़े हुए हैं आई आप को समझाते हैं विस्तार से पूरा मामला

 

 

 

विस्तार से पूरी खबर

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में 1996 में अवधेश राय नाम के व्यक्ति को मुख्तार अंसारी और भीम सिंह ने मौत के घाट उतार दिया था इस हत्याकांड के बाद उत्तर प्रदेश में दहशत का माहौल बन चुका था जिस पर पुलिस ने भी इन दोनों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा पंजीकृत कर लिया था, इंडिया क्लब और भी अपराधी मामले पुलिस ने दर्ज किए थे जिस पर तेज बारिश पर जानलेवा हमला और भी अन्य मुकदमे पंजीकृत किए गए थे. पुलिस द्वारा मामले पांच मामले पंजीकृत करते ही मामलों की जांच के लिए टीमें गठित कर दी गई पुलिस टीम सबूत कब आते थे ढूंढने में लग गई और मामला न्यायालय में पहुंच गया , बहुचर्चित हत्याकांड अवधेश राय का मामला टाइम पर ना आन के चलते मामला काफी लंबे समय तक चलता जा रहा था लेकिन विजय गुरुवार को विजय जॉर्ज एडीजे दुर्गेश पांडे ने मामले की सुनवाई की इस मामले के गवाह और साक्ष्यों को देखते हुए मुख्तार अंसारी को सजा सुना दी , इतना ही नहीं मुख्तार अंसारी के साथ मुख्तार अंसारी के गुड़ग़े भीम सिंह को भी 10 साल की सजा दोनों को जुर्माना तक लगाया है, मिली जानकारी के अनुसार सत्र न्यायालय की एमपी एमएलए कोर्ट में बाहुबली कहे जाने वाले नेता मुख्तार अंसारी पर 1996 में दर्द गैंगस्टर के मामले में काफी लंबे समय से सुनवाई चल रही थी बीते कुछ वर्षों में इस केस की सुनवाई इलाहाबाद बेंच कर रही थी इलाहाबाद बेंच की सुनवाई के दौरान इस मामले को गाजीपुर ट्रांसफर कर दिया गया . कोर्ट के इस फैसले के दौरान कोर्ट परिसर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर दिए गए थे.

 

 

तुम ही पूरे मामले में सरकारी वकील नीरज श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए कहा कि मुख्तार अंसारी के खिलाफ 54 केस पंजीकृत हैं लेकिन गैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई के लिए सिर्फ 5 केसों को ही आधार बनाकर चुना गया इन 5 देशों में से दो वाराणसी और दो गाजीपुर और एक चंदौसी में दर्ज है 26 साल बाद आज कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है

 

 

और भी मामले पर जल्द हो सकते हैं बड़े फैसले 

बाहुबली नेता मुख्तार सिंह पर और भी मामले अलग-अलग जगह से पंजीकृत है जिन पर कोर्ट की सुनवाई चल रही है जिसको लेकर अब अनुमान लगाया जा रहा है जल्दी कोर्ट और मामलों पर भी अपना डिसीजन दे सकता है अब आने वाला वक्त ही बताएगा बाहुबली मुख्तार अंसारी की और परेशानियां बढ़ती है या फिर पुराने मामलों में राहत मिलती है।

 

 

कौन है मुख्तार अंसारी

मुख्तार अंसारी उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेताओं में से एक हैं जो विधानसभा के सदस्यों के रूप में 5 बार विधायक चुने गए है मुख्तार अंसारी को डॉन राजनेता भी कहा जाता है मुख्तार अंसारी मऊ विधानसभा से चुनाव लड़ते हैं सबसे पहली बार मुख्तार अंसारी ने बहुजन समाज पार्टी से चुनाव लड़ा था और बहुमत हासिल की थी 2019 में लोकसभा चुनाव लड़का सफलता हाथ नहीं लगी और भाई चुनाव हार गए इतना ही नहीं 2010 में बसपा ने आपराधिक गतिविधियों के कारण मुख्तार अंसारी को पार्टी से निष्कासित कर दिया जिसे नाराज होकर मुख्तार अंसारी ने कौमी एकता दल का अपने भाई के साथ घटक कर दिया और 2012 में उत्तर प्रदेश के मऊ सीट पर विधायक चुने गए 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव में कौमी एकता का विलय कर भाजपा उम्मीदवार के रूप में विधानसभा चुनाव पांचवी बार जीत का परचम लहराया।

 

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