Delhi Acid Attack कैमरा से हुई नकाबपोशो की पहचान खौफनाक वारदात

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Delhi Acid Attack कैमरा से हुई नकाबपोशो की पहचान खौफनाक वारदात

अज़हर मलिक 

दिल्ली तेजाब कांड से कई सवाल खड़े हो गए हैं ऐसा नहीं है इस तरह की हरकत करने वालों यानी जो लोग तेज़ाब फेंकते हैं उनके खिलाफ सख्त कानून नहीं है ऐसे आरोपियों के खिलाफ सख्त कानून है और उन्हें उम्र कैद से लेकर 10 साल तक की सजा हो सकती है बावजूद इसके ये घटनाएं कम नहीं हो रही है दरासल कानून के जानकार मानते हैं कि पीछे सबसे बड़ी वजह है तेज़ाब का मार्केट से मिल जाना आरोपी इसका फायदा उठाता है तेजाब खरीदता है और इस तरह की घटना को अंजाम देता है।

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अब बात हमले के पीछे की वजह तो जैसा कि हमने पहले ही आपको बताया था इस वरदात के पीछे ऐसे ही एक तरफा आशिक के दिमाग का फितूर था दरासल मास्टरमाइंड सचिन की पहले इस लड़की से बातचीत हुआ करती थी लेकिन इसके बाद दोनों में किसी वजह से अनबन हो गई और करीब महीने भर से उनके बीच बातचीत का सिलसिला बंद हो चुका था और बस इतनी सी बात से सचिन लड़की से इतना खार खाए बैठा था की उसने लड़की के चेहरे को तेजाब से जलाने का फैसला कर किया और उसे हमेशा हमेशा के लिए लाचार कर देने की खौफनाक साजिश रची वारदात के रोज सुबह करीब 7:30 बजे 12वी में पढ़ने वाली पीड़ित लड़की अपनी छोटी बहन के साथ स्कूल जा रही थी लेकिन दोनों बहनों के आगे बढ़ते ही सामने से बाइक पर आए दो लड़कों के बड़ी बहन के चेहरे पर अचानक तेजाब फेंक दिया। पीड़ित लड़की दर्द के मारे चिल्लाने लगी आसपास के लोग जमा हो गए और छोटी बहन ने तुरंत घर लौट कर अपने माता-पिता को पूरी बात बताई मगर तब तक हमलावर फरार हो चुके थे बाद में पीड़ित लड़की के घरवालों ने सुबह करीब 9:00 बजे पीसीआर को इस वरदात की खबर दी और तब जाकर पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू की हालांकि पीड़ित लड़की की बहन और चश्मदीदों के बयान के बाद सीसीटीवी तस्वीरों की मदद से पुलिस ने जल्द ही इस मामले को सुलझा लिया और तीनो के तीनो गुनहगार गिरफ्तार किए गए।

 

अब बात एसिड अटैक यानी तेजाब से होने वाले हमलों से निपटने के लिए मौजूदा कानून के संबंध तो आपको बताएं कि पहले ऐसी जगह को लेकर अलग से कोई कानून नहीं था यानी ऐसे हमलों पर आईपीसी की धारा 326 के तहत गंभीर रूप से जख्मी करने का केस दर्ज होता था लेकिन बाद में कानून में 326A,ओर B की धाराएं जोड़ी जिसके तहत तेजाबी हमला करने के मामले को अपराध को गैर जमानती अपराध माना गया ओर गुमहागर को कम से कम 10 साल और ज्यादा से ज्यादा आजीवन कारावास की सजा देना तय किया गया इसके अलावा उसे जुर्माना वसूल कर पीड़िता की मदद करने का नियम भी बना इसी तरह आईपीसी की धारा 326वी के तहत तेजाब से हमला करने की कोशिश करने का गुनाहगार पाया जाता है तो उसके खिलाफ गैर जमानती मुकदमा दर्ज कर उस पर कार्रवाई किए जाने का प्रावधान हमले कोशिश करने पर भी कम से कम 5 साल की सजा और जुर्माने का नियम है यानी इस लिहाज से देखा जाए तो यह कानून काफी सख्त है लेकिन शायद लोग इतनी आसानी से सुधरने वाले नहीं दिल्ली पुलिस ने जब आरोपी सचिन से पूछताछ की तो दिल्ली पुलिस को पता लगा कि सचिन की पीड़िता के साथ बातचीत होती थी लेकिन सितंबर महीने के बाद पीड़िता ने सचिन से बातचीत करना बिल्कुल बंद कर दिया सचिन ने कई बार कोशिश की दवाओं बनाया लेकिन पीड़िता ने बातचीत नहीं की जिस के बाद सचिन ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर पीड़िता को सबक सिखाने की साजिश रची इस के बाद इन सभी ने साजिश के तहत एक वेबसाइट पर जाकर के तेजाब का आर्डर किया और जब तेजाब घर पहुंचा तो उसके बाद उन्होंने मोहन गार्डन के उस इलाके की रेकी जी जहां से पीड़िता स्कूल के लिए बस पकड़ती थी और उसके बाद मौका देखकर उन्होंने पीड़िता को पर तेजाब फेंक दिया पुलिस का कहना है कि इस मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है और वेबसाइट से यह पूछा जाएगा ऐसे बेचने के लिए जो रूल्स एंड रेगुलेशंस का पालन किया गया था या नही

 

 

 

 

 

 

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