हमारी यूपी पुलिस, जो झूठे मुकदमे में फंसाने के लिए, गाड़ी में खुद कर देती है तोड़फोड़ वाह री यूपी पुलिस
अपने फर्ज और अपने जमीर से गद्दारी करना तो कोई उत्तर प्रदेश पुलिस से सीखे, जिनको ना तो ऊपर वाले का डर है और ना ही समाज में अपनी इज्जत का अपने आला अधिकारियों को झूठी फीडबैक देकर किसी भी अच्छे यहां से इंसान को बदनाम करना सीखना है तो इन पुलिसकर्मियों से सीखे यूपी पुलिस अक्सर विवादों में रहती है जिस वजह से विपक्ष भी लगातार यूपी पुलिस पर सवाल उठाता रहता है। मामला बस्ती जिले का है, जहां का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। वीडियो में दो पुलिसकर्मी पुलिस की गाड़ी पर ही तोड़फोड़ करते दिखाई दे रहे है। कहा जा रहा है कि मामूली सी टक्कर लगने के बाद दबाव बनाने के लिए पुलिसकर्मी ऐसा कर रह हैं। जिसके बाद अब समाजवादी पार्टी की मीडिया सेल ने इस खबर को पोस्ट करके मामले में सवाल उठाए हैं। आइए आपको भी बताते हैं की ये पूरा मामला है क्या ?
ये है मामला
जानकारी के मुताबिक बस्ती पुलिस को ये खबर मिली थी कि एक गाड़ी पर सवार होकर एटीएम हैकर, एटीएम कार्ड चोर व कई मामले में वांछित बदमाश जा रहे हैं। इस सूचना पर हर्रैया, कप्तानगंज, पैकोलिया, गौर, परसुरामपुर के साथ-साथ एसओजी ने घेराबंदी शुरू की। इसी दौरान पैकोलिया थाने की एक गाड़ी की हर्रैया क्षेत्र में पूरे अवधी गांव के पास दूसरी गाड़ी से भिड़ंत हो गई। हालांकि टक्कर बहुत मामूली सी थी लेकिन पुलिस की गाड़ी होने की वजह से पुलिसकर्मियों ने दूसरी गाड़ी में बैठे लोगों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया। किसी ने एक वीडियो बनाया, जिसमें पुलिसकर्मी पुलिस की गाड़ी पर जूतों से ठोकर मारता दिखाई पड़ रहा है। सोशल मीडिया पर वीडियो इस नोट के साथ वायरल होने लगा कि पुलिस दूसरी गाड़ी वाले को फंसाने के लिए अपनी गाड़ी तोड़ रही है।
मामले पर समाजवादी पार्टी ने ट्वीट करते हुए कहा कि, ये है यूपी में योगी जी की पुलिस। किस प्रकार से आम आदमी को झूठे केस में फंसाती है और फिर उत्पीड़न करती है उसका स्पष्ट उदाहरण ये इस खबर में है, योगीराज में पुलिसकर्मी एकदम बेलगाम हैं और जनता का उत्पीड़न कर रहे हैं। जनता त्राहिमाम त्राहिमाम कर रही है और योगीराज में त्रस्त है।