कभी रेस्टोरेंट में था नौकर_ खुद को IPS दिखा इंस्टा पर बनाए 20K फॉलोअर्स फंसाने लगा लड़की ठगी
इंस्टाग्राम पर 20,000 के करीब फॉलोअर्स अयोध्या के कप्तान मुनिराज के साथ ये फोटो ब्लू शर्ट में लाल बत्ती के सामने खड़े ये जनाब है विकास यादव उर्फ विकास गौतम। लेकिन प्रोफाइल पर अपना नाम लिख रखा है आइपीएस विकास यादव। साथ ही लाल बत्ती वाली गाड़ी सीनियर आईपीएस ऑफिसर मुनिराज के साथ ये फोटो चीख चीख कर कह रही है कि ये किसी आईपीएस की ही प्रोफाइल है लेकिन जब आप इस प्रोफ़ाइल की हकीकत जान लेंगे तो अपना सिर पिट लेंगे?
क्योंकि खुद को आईपीएस ऑफिसर बताने वाले विकास यादव जेल की सलाखों के पीछे पहुँच चूके हैं क्योंकि उन्होंने इंस्टा पर यह फर्जी प्रोफाइल बना रखी थी। यही नहीं फेसबुक पर भी विकास यादव ने अपनी फर्जी प्रोफाइल बनाई है और इंस्टाग्राम के जरिए महिलाओं को अपने जाल में फंसाकर उनके साथ ठगी की वारदात को अंजाम देता था। इस बात का खुलासा तब हुआ जब संजय गाँधी हॉस्पिटल में काम करने वाली एक महिला डॉक्टर ने पुलिस के पास उसकी शिकायत दर्ज कराई। अपनी शिकायत में ये महिला बताती हैं कि विकास ने उससे ₹25,000 ठगे हैं।
महिला की शिकायत पर पुलिस ने फौरन ऐक्शन लेते हुए विकास गौतम को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद पुलिस की जांच में जो खुलासे होते गए उसे देखकर पुलिस भी हैरान रह गई। पुलिस की जांच में इस बात का खुलासा हुआ कि विकास गौतम ने फेसबुक और इंस्टाग्राम पर विकास यादव आइपीएस के नाम से फर्जी प्रोफाइल बना रखी है। विकास आठवीं पास है, लेकिन मध्यप्रदेश के ग्वालियर का रहने वाला विकास गौतम खुद को कानपुर आइआइटी से पास आउट बताता था और खुद को उत्तर प्रदेश कैडर का आईपीएस अफसर बताता था और कुछ इस तरह वो सोशल मीडिया के जरिए खासतौर से महिलाओं को अपने टारगेट पर लेता और उन्हें अपने प्यार के जाल में फंसाकर उनके साथ ठगी की वारदात को अंजाम देता। विकास पर यूपी ग्वालियर में ठगी के कई मामले पहले से ही दर्ज है। विकास गौतम ने फेसबुक और इंस्टाग्राम पर विकास यादव आइपीएस के नाम से नकली प्रोफाइल बना रखी थी। कहने को तो विकास आठवीं तक पढ़ा है और आईटीआई से वेल्डिंग करने की ट्रेनिंग ले रखी है, लेकिन इंस्टाग्राम पर अपलोड इन फोटोज को देखकर आप नहीं कह सकते की ये कोई नकली आईपीएस ऑफिसर हैं। इस फोटो में आप देख सकते हैं कि कैसे हो बॉडीगार्ड्स की सुरक्षा के बीच खड़ा है। अब ज़रा इस फोटो को गौर से देखिये इसमें वो लाल बत्ती वाली कार के सामने खड़े होकर पोज दे रहा है। लेकिन सबसे ज्यादा चौंकाने वाली फोटो तो वो है जिसमें वो अयोध्या की आईपीएस ऑफिसर मुनिराज के साथ नजर आ रहा है। तो क्या विकास के इस फर्जीवाड़े की भनक यूपी पुलिस को भी नहीं थी? पुलिस की जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ है की आईटीआई से ट्रेनिंग लेने के बाद विकास गौतम दिल्ली के मुखर्जी नगर इलाके में रहने लगा था। वो वहाँ पर एक रेस्ट्रॉन्ट में काम करता था। इस दौरान उसके घर के आसपास सिविल सर्विस की तैयारी करने वाले छात्र आते जाते थे, जो नाम ही कोचिंग सेंटर्स में पढ़ते हैं। हाल के सालों में आपने भी देखा होगा कि संघ लोक सेवा आयोग यूपीएससी की परीक्षा में सफल होने वाले अधिकतर उम्मीदवारों का बैकग्राउंड इंजीनियरिंग और मेडिकल फील्ड से जुड़ा ही रहा है। विकास गौतम को यहीं से आइडिया आया और वो खुद को आइआइटी कानपुर से पासआउट बताने लगा। इसके बाद उसने 2021 बैच के आईपीएस ऑफिसर बताकर सोशल मीडिया पर प्रोफाइल बनाई और महिलाओं को ठगने लगा। नहीं कई फोटो भी अपलोड किए हैं। लेकिन लाल बत्ती कार का शौकीन विकास अब पुलिस के हत्थे चढ़ चुका है और पुलिस उससे पूछ्ताछ में जुटी हुई है। ये रिपोर्ट क्राइम तक।