काशीपुर : वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री व प्रदेश कांग्रेस कार्यसमिति सदस्य अलका पाल ने नई संसद भवन में प्रस्तुत केंद्र सरकार द्वारा नारी शक्ति बंधन अधिनियम, महिला आरक्षण बिल का स्वागत करते हुए अफसोस जाहिर किया की प्रस्तुत बिल में पिछड़े वर्ग की घोर उपेक्षा हुई है।
उत्तराखंड महिला कांग्रेस कमेटी की वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष अलका पाल ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तुत बिल में जहां लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं को 33% आरक्षण दिए जाने का प्रावधान है, वही प्रस्तुत बिल में एसटी/एससी को आरक्षण तो है,लेकिन अन्य पिछड़े वर्ग की उपेक्षा की गई ।
उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी के द्वारा स्थानीय निकाय और पंचायत में महिलाओं को 33% आरक्षण देने की सुविधा दी गई थी, जिसमें अन्य पिछड़े वर्ग_ओबीसी के लिए भी आरक्षण का प्रावधान था, वहीं मंडल कमीशन की रिपोर्ट ने भी देश के अंदर 52% से अधिक ओबीसी वर्ग के लोगों को चिन्हित कर उन्हें पर्याप्त आरक्षण देने की मांग की थी।
लेकिन केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तुत महिला आरक्षण बिल में अन्य पिछड़ा वर्ग ओबीसी की घोर उपेक्षा कर सरकार ने ओबीसी विरोधी मानसिकता को दर्शाया है, बेहतर होता की प्रस्तुत बिल में 33% आरक्षण के अंदर ओबीसी वर्ग का भी आरक्षण नियत किया जाता। एक और देश के प्रधानमंत्री समाज के कमजोर वर्ग वर्ग के उत्थान की बात करते हैं वहीं दूसरी ओर महिला आरक्षण में सामाजिक और राजनीतिक रूप से हसिए पर रहे ओबीसी वर्ग की अपेक्षा करते हैं, जो दोहरी मानसिकता का परिचायक है।