कुमाऊं में डकैती से लेकर बलात्कार तक अपराधों का विस्फोट! आरटीआई से खुलासा, 2362 मामलों में अब भी 1840 अपराधी फरार
उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में अपराध बेलगाम हो चुके हैं। डकैती, लूट, अपहरण और बलात्कार जैसे गंभीर मामलों में खतरनाक उछाल दर्ज किया गया है। सूचना अधिकार के तहत अधिवक्ता नदीम उद्दीन को मिली आरटीआई रिपोर्ट ने पुलिस प्रशासन के कामकाज पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आंकड़े बताते हैं कि केवल 5 महीनों—1 जनवरी से 31 मई 2025 के बीच—कुमाऊं में कुल 2362 आपराधिक मामले दर्ज हुए, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 2176 मामले सामने आए थे। यानी अपराधों में भारी इजाफा।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इन मामलों में से केवल 52% अभियुक्तों के खिलाफ ही कोई कार्रवाई हुई है। बाकी 1840 अपराधी अब भी खुलेआम घूम रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक बलात्कार के मामले 142 से बढ़कर 170 हो गए हैं, महिला अपहरण 34 से 53 और लूट की घटनाएं 10 से बढ़कर 19 हो गई हैं। डकैती की घटनाएं 3 से बढ़कर 5 हुईं और बलवे भी 103 से बढ़कर 135 दर्ज किए गए।
अधिवक्ता नदीम उद्दीन को पुलिस महानिरीक्षक, कुमाऊं क्षेत्र, नैनीताल के लोक सूचना अधिकारी द्वारा भेजे गए आधिकारिक दस्तावेजों में यह स्पष्ट किया गया है कि पुलिस के पास मौजूद 4265 अभियुक्तों की सूची में से सिर्फ 924 की गिरफ्तारी की गई है। बाकी या तो नोटिस देकर छोड़े गए हैं, या फरार हैं, या जांच जारी है। 55 अपराधियों ने गिरफ्तारी पर स्टे ले रखा है।
आरटीआई में यह भी सामने आया कि इन अपराधों के दौरान कुल 3 करोड़ 62 लाख रुपये से ज़्यादा की संपत्ति लूटी या चोरी की गई। इनमें से सिर्फ 49% यानी करीब 1 करोड़ 79 लाख की संपत्ति बरामद की जा सकी।
सवाल ये है कि जब हर दूसरे आरोपी तक पुलिस नहीं पहुंच पा रही है, तो आम जनता की सुरक्षा कौन सुनिश्चित करेगा? क्या अपराधियों को खुली छूट मिल रही है? और क्या उत्तराखंड सरकार इन आंकड़ों पर गौर करेगी?