काशीपुर में ‘फ्लेक्सी’ का मर्डर मिस्ट्री टिकट की दावेदारी या राजनीतिक शतरंज?
अज़हर मलिक
काशीपुर : निकाय चुनाव की तारीख अभी दूर है, सीटों का आरक्षण भी अभी तक सामने नहीं आया, लेकिन काशीपुर की सियासत में एक फ्लेक्सी ने हलचल मचा दी है। हड़ताल चौकी पर लगी इस फ्लेक्सी ने न सिर्फ कांग्रेस के अंदर, बल्कि पूरे शहर में सस्पेंस का माहौल बना दिया है। फ्लेक्सी में नाम है हनीफ गुड्डू का, और दावा किया जा रहा है कि वह वार्ड नंबर 27 से कांग्रेस के पार्षद प्रत्याशी हैं।
लेकिन सवाल यह उठता है—क्या यह दावेदारी वाकई पक्की है या महज एक शतरंजी चाल?
फ्लेक्सी के पीछे छुपी सियासी साजिश
फ्लेक्सी पर जो तस्वीरें और नाम चमक रहे हैं, वह खुद में एक रहस्य हैं। हनीफ गुड्डू का नाम, उनके समर्थकों की तस्वीरें, और ‘पार्षद प्रत्याशी’ का बड़ा ऐलान—यह सब एक सशक्त संदेश देता है। लेकिन क्या यह फ्लेक्सी कांग्रेस हाईकमान के फैसले से पहले ही सब कुछ तय कर चुकी है? क्या यह किसी भीतरखाने की साजिश का हिस्सा है या सिर्फ चुनावी प्रचार की एक चाल?
टिकट का ‘राज’ और गहरे होते गुत्थी
इस फ्लेक्सी का सबसे बड़ा ट्विस्ट यह है कि जब तक सीट का आरक्षण तय नहीं हुआ है, जब तक प्रत्याशी का ऐलान नहीं हुआ है, तब तक हनीफ गुड्डू को टिकट कैसे मिल सकता है? यह सवाल हर किसी के ज़हन में है। क्या फ्लेक्सी के जरिए यह संदेश दिया जा रहा है कि कांग्रेस में ‘ख़ास’ लोग पहले से ही तय हो चुके हैं?
महिला या पुरुष—क्यों छुपा है सच?
वार्ड नंबर 27 की सीट महिला के लिए आरक्षित हो सकती है, या पुरुष के लिए—यह फैसला भी अभी तक किसी के पास नहीं है। फिर भी, हनीफ गुड्डू का नाम क्यों बड़ी बेबाकी से सामने आ रहा है? क्या यह महज एक प्रचार की चाल है, या कांग्रेस के भीतर किसी की मजबूत पकड़ को दिखाने की कोशिश?
क्या यह केवल एक राजनीतिक तीर है?
क्या यह फ्लेक्सी एक चतुराई से खेली गई राजनीतिक चाल है, या वाकई टिकट के लिए पहले से ही सब कुछ तय हो चुका है? हर कोई जानना चाहता है—क्या हनीफ गुड्डू को कांग्रेस हाईकमान ने टिकट दे दिया है, या यह सिर्फ उनका अपने समर्थकों को खुश करने का तरीका है?
चुनावी मौसम आते ही इस फ्लेक्सी ने काशीपुर की राजनीति में एक उफान ला दिया है। लेकिन अब देखना यह होगा कि क्या यह फ्लेक्सी कांग्रेस के अंदर घमासान का कारण बनेगी या फिर यह हनीफ गुड्डू का चुनावी मास्टरस्ट्रोक साबित होगा।
ऐसे में सवाल —क्या यह फ्लेक्सी कांग्रेस के चुनावी खेल का पहला कदम है, या किसी बड़ी सियासी लड़ाई की शुरुआत?