संदीप सहगल को डुबो रही है हनीफ गुड्डू की सीट
अज़हर मलिक
उत्तराखंड के निकाय चुनाव इस बार काफी दिलचस्प हो गए हैं, जहां कहीं अपने रूठ रहे हैं तो कहीं नए समीकरण बनते नजर आ रहे हैं। काशीपुर में कांग्रेस की एक गलती उसके लिए गले की फांस बनती जा रही है।
अपने खास लोगों को टिकट देने के लिए कांग्रेस ने पहले अपने एक मजबूत और जीते हुए पार्षद का टिकट काटकर उसे वार्ड नंबर 36 में भेज दिया। इस फैसले से पार्टी के भीतर नाराजगी तो बढ़ी, लेकिन कांग्रेस ने किसी तरह इसे संभाल लिया। हालांकि, असली विवाद तब खड़ा हुआ जब वार्ड नंबर 27 से कांग्रेस ने हनीफ गुड्डू की पत्नी को प्रत्याशी बनाया, जिनके पति पर गो-तस्करी का गंभीर आरोप है।
भारतीय जनता पार्टी इस मुद्दे को जोर-शोर से भुना रही है। बीजेपी के काशीपुर मेयर प्रत्याशी दीपक बाली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए गो-तस्करों को टिकट देने का आरोप लगाया। बीजेपी का यह हमला इतना प्रभावशाली रहा कि कांग्रेस की वोट बैंक की मजबूत इमारत दरकती हुई नजर आ रही है।
क्षेत्र में चर्चा थी कि संदीप सहगल को कांग्रेस ने अपना मेयर प्रत्याशी बनाकर एक मजबूत और प्रभावशाली कदम उठाया था। लेकिन पार्षद टिकट के गलत फैसले ने इस मजबूती को कमजोर कर दिया है। गौमाता की पूजा करने वाली जनता के बीच गो-तस्करी का मुद्दा बेहद भावनात्मक बन चुका है। कांग्रेस का वार्ड नंबर 27 से हनीफ गुड्डू की पत्नी को टिकट देना पार्टी के लिए भारी पड़ता दिख रहा है।
यह फैसला कांग्रेस के लिए गले की फांस बन गया है। गौमाता की आस्था रखने वाली जनता अब कांग्रेस से और खासकर मेयर प्रत्याशी संदीप सहगल से दूरी बनाती नजर आ रही है। इससे साफ है कि कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति और विवाद उसके चुनावी गणित को बड़ा नुकसान पहुंचा रहे हैं।