पैसा है तो इलाज है वरना आप कहीं और देख लो लाचार मां बेबस पिता, SK हॉस्पिटल फिर बना मसीहा निशुल्क किया इलाज
अज़हर मलिक
काशीपुर : देश के अंदर अच्छे इलाज का दावा करने वाले निजी अस्पतालों की भरमार है लेकिन यह अच्छा इलाज कभी है तब आपकी जेब में जान है लेकिन आज भी देश के अंदर ऐसे कुछ हॉस्पिटल देश के अंदर स्थित है जो गरीब परिवारों की मजबूरियों देखकर निशुल्क इलाज कर देते हैं ऐसा ही हॉस्पिटल उत्तराखंड के जिला उधम सिंह नगर के काशीपुर क्षेत्र में स्थित है जो इन दिनों निजी हॉस्पिटलों के लिए प्रेरणा स्रोत बना हुआ है ,SK हॉस्पिटल काशीपुर के बैल-जुड़ी मोड़ पर स्थित है, एस के हॉस्पिटल के मालिक डॉ आसिफ़ समय-समय पर गरीब मजबूर लाचार बेबस परिवार का बड़े से बड़ा इलाज निशुल्क कर के इंसानियत की मिसाल कायम करते हैं, और इस कलयुग में डॉक्टर के मर्तवे को जिंदा रखे हुए हैं, एक बार फिर s.k. हॉस्पिटल ने इंसानियत की मशाल जलाई है उत्तर प्रदेश मुरादाबाद के रहने वाले गरीब पर इलाज के पैसे ना होने पर मुरादाबाद में दर बदर की ठोकरें खाकर काशीपुर s.k. हॉस्पिटल में पहुंचे जहां मन्नत ना नाम की एक प्रेग्नेंट महिला की डिलीवरी होनी थी और डिलीवरी की स्थिति क्रिटिकल थी। डॉक्टरों की टीम ने डिलीवरी की और डिलीवरी में एक बच्ची के जन्म लिया पर पर बच्चे की स्थिति नाजुक थी। जिसे बड़ी मशीन में रखना जरूरी था, बच्चे की स्थिति उसके पिता
मैराजुद्दीन को बताया बड़ी मशीन का नाम सुनकर पिता ने हाथ जोड़ते हुए नम आंखों से डॉक्टर की तरफ देखा और धीरे से कहा सर मेरे पास पैसा नहीं है मैं बहुत परेशान हूं गरीब हूं मैं अपनी बच्ची को बड़ी मशीन में नहीं रखवा सकता, उस लाचार बेबस पिता के बारे में हॉस्पिटल के एमडी डॉक्टर आसिफ को बताया, डॉ आसिफ ने कहा कि बच्ची का इलाज हमारी हॉस्पिटल की तरफ से निशुल्क किया जाएगा और डॉक्टरों की टीम ने जन्मी बच्ची का इलाज शुरू कर दिया पर ऊपर वाले को शायद ही कुछ और चाहता था, पांच दिन वेंटिलेटर पर रख बच्ची को छठे दिन अपने पास बुला लिया, जिसका अंतिम संस्कार भी धार्मिक रीति-रिवाजों के हिसाब से हॉस्पिटल के परिवार ने खुद किया, कैसे मैं अब आप अनुमान लगाइए जो व्यक्ति अपने बच्चे का अंतिम संस्कार करने तक की स्थिति में नहीं था उसके लिए हॉस्पिटल परिवार वाले उस के लिए क्या महत्व रखते होंगे।