काशीपुर में छात्र ने स्कूल में शिक्षक को गोली मारकर किया घायल, शिक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
काशीपुर, ऊधम सिंह नगर। शिक्षा का मंदिर कहे जाने वाले स्कूल में बुधवार को उस समय दहशत फैल गई जब 9वीं कक्षा का एक छात्र अपने ही शिक्षक पर गोली चला बैठा। यह सनसनीखेज घटना कुंडेश्वरी स्थित गुरु नानक स्कूल की है, जहाँ गोली लगने से शिक्षक गगन सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए। गनीमत यह रही कि गोली उनके कंधे में लगी और उनकी जान बच गई। गोली चलने की आवाज़ से पूरा स्कूल परिसर सहम गया, बच्चे चीखते-भागते नजर आए और स्टाफ में भी हड़कंप मच गया।
जानकारी के मुताबिक, आरोपी छात्र को कुछ दिन पहले अनुशासनहीनता पर शिक्षक गगन सिंह ने डांटा और थप्पड़ मारा था। इसी रंजिश में छात्र ने अपने लंच बॉक्स में तमंचा छिपाकर स्कूल लाया और मौके पाकर शिक्षक पर फायर झोंक दिया। जैसे ही गोली चली, छात्र मौके से फरार हो गया और अफरा-तफरी के बीच घायल शिक्षक को तुरंत अस्पताल ले जाया गया।
पुलिस को घटना की सूचना मिलते ही टीम मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी। आरोपी छात्र की तलाश जारी है। इस घटना के बाद क्षेत्र के अन्य स्कूलों में भी भय और दहशत का माहौल है। पब्लिक स्कूल एसोसिएशन ने इस कांड पर आक्रोश जताते हुए जिले के सभी सीबीएसई बोर्ड मान्यता प्राप्त निजी पब्लिक स्कूलों को गुरुवार को बंद रखने का ऐलान किया है।
लेकिन यह मामला केवल गोली चलने तक सीमित नहीं है, बल्कि शिक्षा व्यवस्था और समाज दोनों के लिए गहरे सवाल खड़ा करता है। आखिर बच्चों के भीतर इतनी हिंसक प्रवृत्ति क्यों जन्म ले रही है? क्या माता-पिता बच्चों के तनाव और गुस्से को समझ नहीं पा रहे? क्या स्कूलों में काउंसलिंग और मानसिक स्वास्थ्य पर पर्याप्त ध्यान दिया जा रहा है?
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि बच्चों की मानसिक स्थिति और व्यवहारिक समस्याओं को समय रहते नहीं समझा गया, तो आने वाले दिनों में इस तरह की वारदातें और भी भयावह रूप ले सकती हैं। यह घटना केवल काशीपुर ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तराखंड की शिक्षा व्यवस्था के लिए चेतावनी है कि अब पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य और शिक्षकों की सुरक्षा को लेकर ठोस कदम उठाए जाएं।