MTV Hustle 2.0 पर काशीपुर का बेटा शगुन शर्मा (श्लोक) श्लोविज का क्या होगा पहला रैप सॉन्ग
अज़हर मलिक 9568044703
एमटीवी पर से प्रकाशित होने वाला विश्व प्रसिद्ध प्रोग्राम हसन पॉइंट 2.0, 3 सितंबर से शुरू हो गया जिसका पहला एपिसोड का आगाज़ शाम 7:00 बजे से प्रकाशित हो चुका है, जिसमें देश के अलग-अलग राज्यों से अपना टैलेंट दिखाने के लिए लोगों ने पार्टिसिपेट किया है, जिसमें से देवभूमि उत्तराखंड के बहुत चर्चित रैप सिंगर शगुन शर्मा (श्लोक) श्लोविज को अपना टैलेंट दिखाने का मौका मिला है,

जिस के प्रोग्राम का इंतजार काशीपुर की जनता के साथ उत्तराखंड के लोगों ने भी अपना टीवी खोल 7:00 बजे प्रोग्राम देखना शुरू कर दिया था, लेकिन आज लोगों को उनकी परफॉर्मेंस देखने का अवसर नहीं मिला, आज केवल एमटीवी पर प्रकाशित होने वाला हसल 2.0 , के 1 घंटे के प्रोग्राम में सिर्फ 7 लोग ही अपनी परफॉर्मर्स टेलीकास्ट हुई है, जिस में शगुन शर्मा (श्लोक) श्लोविज की परफॉर्मेंस इस बार के प्रोग्राम में टेलीकास्ट नहीं हो पाई जिसका उत्तराखंड के परिवार के साथ साथ उनके फैन उन्होंने बेताबी से इंतजार कर रहे थे, और सस्पेंस उनके मन में था की (श्लोक) श्लोविज आख़िर कोन सा रैप,गाकर एमटीवी हसल 2.0 पर अपने टैलेंट का जलवा दिखाएंगे, लेकिन उत्तराखंड के परिवार और उनके फ्रेंड के बीच सस्पेंस अब भी बरकरार है, आखिर पहला रैप सॉन्ग उनका कौन सा होगा, (श्लोक) श्लोविज को लेकर लोगों के बीच इतना सस्पेंस होना भी जरूरी है क्योंकि रेप सॉन्ग (श्लोक) श्लोविज शगुन शर्मा गा चुके हैं , वह रैप सॉन्ग अपने आप में एक इतिहास है, बा शब्द से शुरू बा शब्द पर ही खत्म, फुल रैप सॉन्ग संस्कृत भाषा में , हिंदी मातृभाषा के ऊपर ऐसे कई टिपिकल रैप सॉन्ग वह गा कर अपने नाम कहीं खिताब कर चुके हैं, तो शगुन शर्मा (श्लोक) श्लोविज, हसल 2.0 के प्रोग्राम इन तीनों रेप सॉन्ग में से एक गाकर अपनी शुरुआत दर्ज करा सकते हैं ऐसा सिर्फ हमारा अनुमान है,
(अलंकार )बा शब्द से शुरू बा शब्द रैप
मातृभाषा पर रैप
भाषाओं की जननी संस्कृत भाषा में रैप
देश का प्रसिद्ध एमटीवी पर प्रकाशित होने वाला हसल का पहले सीजन में हसल का खिताब भी उत्तराखंड में जन्में एमजी बेला (M Z BELLA) ने अपने नाम किया था। जिसने अपने टैलेंट से अच्छे अच्छों का पसीने छुड़ा दिए था, जैसा कि हमने पहले ही बताया था उत्तराखंड में टैलेंट की कमी नहीं बस कमी है तो इनकी प्रतिभाओं को उभारने की राज्य सरकारों को इस ओर ध्यान देना पड़ेगा ताकि उत्तराखंड के राजस्व के साथ-साथ देशभर में उत्तराखंड का टैलेंट का झंडा चरम पर लहराए,