काशीपुर में कब्रों पर वाहन पार्किंग से मचा बवाल, मुस्लिम समाज में आक्रोश – पार्षदों ने SDM को सौंपा ज्ञापन
काशीपुर के मोहल्ला अल्ली खां स्थित बांदा कब्रिस्तान इन दिनों एक ऐसी शर्मनाक घटना का गवाह बन रहा है जिसने न सिर्फ स्थानीय लोगों की आंखें नम कर दी हैं, बल्कि पूरे मुस्लिम समाज को झकझोर कर रख दिया है। जिस जगह पर अपनों को अंतिम विदाई देकर दफनाया जाता है, वहां अब बाहरी लोग अपनी गाड़ियां पार्क कर रहे हैं — जी हां, खुलेआम कब्रों के ऊपर चार पहिया और दो पहिया वाहन खड़े किए जा रहे हैं, जैसे वहां इंसानों की लाशें नहीं, कोई खाली मैदान हो। गाड़ियों के टायर अब लाशों के सिरहाने लुढ़कते हुए उन दिलों तक पहुंच रहे हैं, जिन्होंने उन कब्रों को श्रद्धा से बनाया था। टूटा हुआ गेट इस अपवित्र घुसपैठ का गवाह बन गया है और प्रशासन की चुप्पी इस पूरे अपमान की हिस्सेदार।
इस अपमानजनक और धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाली हरकत के खिलाफ अब मुस्लिम समाज का धैर्य जवाब देने लगा है। शुक्रवार को पार्षद अब्दुल कादिर, शाह आलम, रशीद फारुकी, मोहम्मद शरीफ, मेहराज जहां समेत कई अन्य अल्पसंख्यक पार्षदों ने मिलकर उप जिलाधिकारी काशीपुर को ज्ञापन सौंपा और इस अमर्यादित कृत्य के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की। पार्षद शाह आलम ने कहा — “ये सिर्फ कब्रों का अपमान नहीं है, बल्कि ये हमारे ईमान, तहज़ीब और आस्था की तौहीन है। प्रशासन अब भी अगर खामोश रहा, तो हम मजबूर होकर सड़कों पर उतरेंगे।”
ज्ञापन में बताया गया कि कब्रिस्तान में टूटा हुआ मुख्य द्वार वर्षों से बिना मरम्मत के पड़ा है, जिससे कोई भी बाहरी व्यक्ति कब्रों के बीच से होकर वाहन अंदर खड़ा कर रहा है। घटनास्थल पर UK07 AB 6277, UK06 BH 2881, UP12 BN 2191 जैसी गाड़ियों को खड़ा पाया गया — जिससे न सिर्फ धार्मिक स्थल की गरिमा को ठेस पहुंची, बल्कि समुदाय में गहरा आक्रोश भी उत्पन्न हुआ।
पार्षदों ने प्रशासन से मांग की है कि फौरन कब्रिस्तान के गेट की मरम्मत करवाई जाए, वहां चेतावनी बोर्ड और अवरोधक लगाए जाएं, और जो लोग जानबूझकर कब्रों पर वाहन खड़े कर रहे हैं उनके खिलाफ धार्मिक आस्था के अपमान की धाराओं में सख्त मुकदमा दर्ज किया जाए। यह केवल ज़मीन नहीं, यह उस मिट्टी का सवाल है जहां इंसानों के आखिरी सपने दफन हैं।
अब देखना यह है कि क्या प्रशासन इस पवित्र स्थल की गरिमा बचा पाएगा, या फिर कब्रों के ऊपर चलती गाड़ियां आने वाले कल की संवेदनशीलता को कुचलती रहेंगी।
