राम ने दिया रहीम को खून मानवता की पेश की मिसाल, रक्तदान महादान
अज़हर मलिक
कहीं मंदिर बना बैठे, कहीं मस्जिद बना बैठे, हमसे तो जात अच्छी परिंंदों की, कभी मस्जिद पर जा बैठे कभी मंदिर पर जा बैठे। मंदिर और मस्जिद की दूरियों को पाट रहे परिंदों की तरह ही कुछ ऐसे इंसान भी हैं जो हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की अनूठी मिसाल पेश कर रहे हैं, उन्हीं में से एक है काशीपुर के विजय नगर निवासी लकी कांबोज जिस ने एक मुस्लिम शिशु को अपना ब्लड देकर उसकी दीर्घायु की प्रार्थना की है, जानकारी के अनुसार एक मुस्लिम परिवार में समय से पहले ही बच्चे ने इस दुनिया में जन्म ले, समय से जन्म लेने की वजह से उसकी स्थिति नाजुक बनी हुई है लगातार डॉक्टर उसकी जान बचाने के लिए प्रयास कर रहे हैं और इस प्रयास के इलाज प्लेटलेट्स की जरूरत पड़ रही है पर उस नवजात शिशु का ब्लड ग्रुप A नेगेटिव होने की वजह से ब्लड की काफी समस्या बढ़ रही थी परिवार वालों की A नेगेटिव ब्लड वाले व्यक्ति की तलाश कर रहे लेकिन लाख कोशिशों के बाद भी प्रयास सफल होता हुआ दिखाई नहीं दे रहा था लेकिन कहते हैं ना
” फानूस बनके जिसकी हिफाजत हवा करे, वह शमा क्या बुझे जिसे रोशन खुदा करे ”
जैसे ही ए नेगेटिव ब्लड की जरूरत पड़ रही है यह खबर लक्की कांबोज तुरंत ब्लड देने कृष्णा हॉस्पिटल पहुंचे और वहां अपना ब्लड देकर उस नवजात शिशु की जिंदगी की दीर्घायु की प्रार्थना भगवान की
लक्की कांबोज ने बताया कि मेरे घर मेहमान आए हुए हैं और हम सब साथ पूजा करने बैठ ही रहे थे, तभी मेरे पास मेरे मित्र की कॉल आई और जैसे ही मुझे उस नवजात शिशु की स्थिति के बारे में पता चला में तुरंत ही कृष्णा हॉस्पिटल पहुंचा और अपना ब्लड देकर वहां से आ गया घर जाकर मुझे पूजा करनी है मेरी वजह से सब पूजा में करने से रुके हुए हैं पूजा में शामिल होकर उस नवजात शिशु के लिए भगवान से प्रार्थना करूंगा फिर जल्दी से जल्द भगवान उसे दुरुस्त करें