काशीपुर में झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार, रजिस्ट्रेशन की फाइलों की आड़ में चल रहा खेल, स्वास्थ्य विभाग बना मूकदर्शक
अज़हर मलिक
जनपद उधम सिंह नगर के काशीपुर में झोलाछाप डॉक्टरों की बेतहाशा बढ़ती संख्या न सिर्फ स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रही है, बल्कि आम जनता की जान के साथ खुला खिलवाड़ भी कर रही है। बिना किसी मान्यता, बिना लाइसेंस और बिना प्रशिक्षित डिग्री के ये तथाकथित डॉक्टर खुलेआम क्लीनिक चला रहे हैं, इंजेक्शन लगा रहे हैं और गंभीर बीमारियों का इलाज करने का दावा कर रहे हैं।
सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि इस पूरे खेल में स्वास्थ्य विभाग की भूमिका बेहद संदिग्ध नजर आ रही है। सूत्रों के अनुसार, इन झोलाछाप क्लीनिकों को कार्रवाई के नाम पर केवल डराया जाता है उसके बाद एक दिखावटी प्रक्रिया के तहत दस्तावेज मंगवाए जाते हैं, रजिस्ट्रेशन के लिए फाइल बनाई जाती है, और फिर वह फाइल ‘पेंडिंग’ कर दी जाती है।
पर्दे के पीछे यही ‘पेंडेंसी’ असली खेल है क्योंकि इस बहाने झोलाछाप डॉक्टरों को मौखिक रूप से काम करने की अनुमति मिल जाती है और स्वास्थ्य विभाग आंखें मूंदे बैठा रहता है।
यह लापरवाही नहीं, बल्कि एक सुनियोजित चुप्पी है। सवाल उठता है कि क्या एक आम आदमी की जान, एक गरीब की जिंदगी स्वास्थ्य विभाग की नजरों में कोई अहमियत नहीं रखती? क्या सिर्फ फाइलों के बोझ और भीतरखाने की सेटिंग के आगे एक अमूल्य जिंदगी की कोई कीमत नहीं?
लोगों का कहना है कि इन झोलाछाप डॉक्टरों के कारण कई बार गंभीर स्थिति उत्पन्न हो चुकी है गलत इंजेक्शन, गलत दवा, और लापरवाह इलाज ने जान तक जोखिम में डाल दी। बावजूद इसके, स्वास्थ्य विभाग या उसके जिम्मेदार अधिकारी आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर सके।
अब वक्त आ गया है कि इस भ्रष्ट व्यवस्था के चेहरे से पर्दा हटे और जवाबदेही तय हो वरना वो दिन दूर नहीं जब लोगों की जानें सिर्फ कागजी कार्रवाई और विभागीय नींद की भेंट चढ़ती रहेंगी।