काशीपुर की जनता सावधान, चारों तरफ जाम ही जाम, समय बचाना है तो पढ़ें ये खबर
अज़हर मलिक
Kashipur news : जनपद उधम सिंह नगर के काशीपुर में इन दिनों जाम की समस्या चरम पर है। हालत ये हो गई है कि पांच मिनट का सफर अब घंटों में बदलता दिखाई दे रहा है।
इस जाम की सबसे बड़ी वजह है काशीपुर का फ्लाईओवर, जो भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका है। फ्लाईओवर की निर्माण गुणवत्ता इतनी कमजोर पाई गई कि अब इस पर बड़े वाहनों का आवागमन पूरी तरह रोक दिया गया है। नतीजतन, भारी वाहन अब शहर के भीतरी हिस्सों से गुजरने को मजबूर हैं।
मुख्य बाजार में वैसे तो बड़े वाहनों की आवाजाही नहीं हो रही, लेकिन असली संकट गुरुद्वारे वाली रोड पर नजर आ रहा है। सड़क इतनी तंग है कि जब छोटे और बड़े वाहन आमने-सामने आते हैं, तो वहां से निकलना बेहद मुश्किल हो जाता है। नतीजा एक के पीछे एक गाड़ियां फंसती जाती हैं और कुछ ही मिनटों में लंबा जाम लग जाता है।
गुरुद्वारे वाली सड़क का रास्ता पहले से ही संकरा था, लेकिन अब बड़े वाहनों के प्रवेश ने हालात और बिगाड़ दिए हैं। छोटे वाहन चालक, दोपहिया सवार और पैदल यात्री सभी इस जाम के शिकार बन रहे हैं। कई बार तो घंटों मशक्कत करनी पड़ती है जाम से बाहर निकलने के लिए।
बात यहीं खत्म नहीं होती। मुख्य बाजार में भी ई-रिक्शा चालकों की मनमानी ने हालात बदतर कर दिए हैं। ई-रिक्शा चालक बाजार के बीचों बीच कहीं भी सवारी बैठा या उतार देते हैं, सामान लोड करते हैं, जिससे रास्ता पूरी तरह ब्लॉक हो जाता है और बाजार के अंदर भी जाम की स्थिति बन जाती है।
अगर प्रशासन इस गंभीर समस्या से जनता को राहत दिलाना चाहता है, तो सबसे पहले मुख्य बाजार में ई-रिक्शा के प्रवेश पर सख्त रोक लगानी चाहिए। बाजार के बाहर अलग-अलग पॉइंट्स पर छोटे-छोटे अड्डे बनाए जाएं, जहां सवारी उतरे और फिर पैदल ही बाजार में जाए।
समान ढोने की दिक्कत से निपटने के लिए दुकानदारों को ई-रिक्शा चालकों से संपर्क में रहना चाहिए, ताकि ग्राहक का सामान फोन करके बाजार से बाहर बुलवाया जा सके।
केवल प्रशासन ही नहीं, बल्कि जनता को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। कोशिश करें कि मुख्य बाजार के अंदर बड़े वाहन लेकर न जाएं। छोटे वाहनों को भी गुरुद्वारे वाली सड़क से गंगा बाबा रोड की तरफ ले जाने से बचना चाहिए। बेहतर है कि अंदरूनी गलियों का इस्तेमाल करें, ताकि जाम से निजात मिल सके।
याद रखिए, जाम से राहत प्रशासन और जनता — दोनों की साझी जिम्मेदारी है। अगर समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले दिनों में यह समस्या और भी भयावह रूप ले सकती है।