काशीपुर के सरकारी अस्पताल के बदहाली के आंसू आखिर कौन लेगा सुध

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काशीपुर के सरकारी अस्पताल के बदहाली के आंसू आखिर कौन लेगा सुध

Kashipur News : उत्तराखंड राज्य को बने 24 साल होने जा रहे हैं। लेकिन अभी भी प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल पड़ी हुई है नेता बड़े- बड़े वयान देकर चले जाते है मगर बदहाल पड़ी इन स्वास्थ्य सेवाओ को सुधारने वाला कोई नहीं है आखिर क्यों इतने सालो में विकास नहीं हो पाया कमी क्या है इसका जवाब किसी के पास नहीं है अगर है तो सिर्फ वयानवाजी की है।

ये है काशीपुर शहर का एल डी भट्ट सरकारी अस्पताल जो इन दिनों डाक्टरों की कमी से जूंझ रहा है जी हां अस्पताल में यदि डॉक्टर हैं तो पर्याप्त मशीनें नहीं है अगर मशीनें हैं तो डॉक्टर नहीं है बस अस्पताल रेफर सेंटर बनकर रह गया है। जबकि उत्तर प्रदेश के समय इस अस्पताल में डॉक्टरों की भरमार होती थी मगर अब लाखो की इस आवादी वाले काशीपुर के सरकारी अस्पताल में महज कुछ ही डाक्टर है जो मरीजों का इलाज कर रहे है और यही कारण है

कि सरकारी अस्पताल में इन दिनों मरीज इधर से उधर मायूस आसानी से देखे जा सकते हैं। जबकि गौर करने वाली बात ये है कि एल डी भट्ट अस्पताल कुमाऊ का तीसरे नंबर का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है जिसमे कुल डाक्टरों के पदो की संख्या 30 से 32 होना बताई जा रही है मगर अस्पताल में चिकित्सको की तैनाती नाम मात्र की चली आ रही है।अस्पताल के सीएमएस डॉक्टर खेम पाल स्वम इस बात को स्वीकार करते नजर आए कि अस्पताल स्टाफ की भारी कमी से जुंझ रहा है उनका ये भी कहना है की शासन को इस बाबत कई बार लिखा जा चुका है फिलहाल सरकार ने जेसी सुविधाए मुहैया कराई हुई है उसे से काम चलाया जा रहा है।अब ऐसे में सवाल ये खड़ा होता है की बिना स्टाफ और चिकत्सको की कमी अस्पताल में यूं ही बनी रहती है तो प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का उत्तराखंड को स्वस्थ प्रदेश सुखी प्रदेश का सपना केसे पूरा हो पाएगा।

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