काशीपुर का चुनावी रण कौन मारेगा बाजी
अज़हर मलिक
काशीपुर का चुनावी मैदान हर दिन नई करवट ले रहा है। गली-चौराहों से लेकर घरों तक बस एक ही चर्चा है कौन बनेगा काशीपुर का अगला नेता?
इस बार मुकाबला दिलचस्प है, जहां कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी चुनावी रण के सबसे मजबूत योद्धा बनकर उभरे हैं।
कांग्रेस के संदीप सहगल को अल्पसंख्यक समुदाय और व्यापारियों का समर्थन मिलता हुआ दिखाई दे रहा है। व्यापारियों का मानना है कि संदीप सहगल क्षेत्र में शांति और स्थिरता कायम रखते हुए उनके कारोबार को बेहतर दिशा दे सकते हैं। अल्पसंख्यक मतदाताओं के बीच भी संदीप सहगल की अच्छी पकड़ है, जिससे उन्हें बड़ा फायदा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
दूसरी ओर, भाजपा के दीपक बाली भी पूरे दमखम के साथ मैदान में हैं। हालांकि, पार्टी के भीतर उनके नाम को लेकर कुछ असहमति की खबरें सुनने को मिल रही हैं, लेकिन इसके बावजूद बाली ने अपनी छवि को चुनावी अभियान में मजबूत बनाए रखा है। उनकी उपस्थिति से भाजपा को एक नई ऊर्जा मिली है, लेकिन यह भी चर्चा है कि उनकी उम्मीदवारी से पार्टी के पारंपरिक वोट बैंक में बिखराव हो सकता है।
इस मुकाबले में बसपा के हसीन खान की स्थिति कमजोर मानी जा रही है। चुनावी मैदान में न तो उनकी पकड़ मजबूत दिख रही है और न ही मतदाताओं के बीच उनके प्रति उत्साह नजर आ रहा है। हालांकि, अगर अल्पसंख्यक वोटों का बंटवारा होता है, तो इसका नुकसान केवल कांग्रेस को होगा, जो इस बार अल्पसंख्यकों का सबसे बड़ा समर्थन पाने की उम्मीद लगाए बैठी है।
काशीपुर का यह चुनाव सिर्फ दो पार्टियों के बीच की लड़ाई बनकर रह गया है। मतदाता अपने-अपने समीकरण बैठाने में लगे हैं, और प्रत्याशी उन्हें लुभाने में। हर दिन नए समीकरण बनते और बिगड़ते नजर आ रहे हैं। अब देखना यह है कि चुनावी रण का यह दिलचस्प मुकाबला किसके पक्ष में फैसला करता है और काशीपुर का अगला नेता कौन बनता है।