काशीपुर सरकारी अस्पताल के महिला और पुरुष वार्ड के बाहर खुले में पड़ी इंजेक्शन की नीडलें और फैली दुर्गंध से मरीजों की जान पर खतरा

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काशीपुर सरकारी अस्पताल के महिला और पुरुष वार्ड के बाहर खुले में पड़ी इंजेक्शन की नीडलें और फैली दुर्गंध से मरीजों की जान पर खतरा

अज़हर मलिक

उधम सिंह नगर के काशीपुर सरकारी अस्पताल की स्थिति दिनों-दिन और बिगड़ती नज़र आ रही है। अस्पताल के महिला और पुरुष वार्ड के बाहर इस्तेमाल की हुई इंजेक्शन की नीडलें, ढक्कन और अन्य मेडिकल वेस्ट खुले में पड़े देखे गए हैं। यह नज़ारा साफ तौर पर अस्पताल प्रशासन की गंभीर लापरवाही को उजागर करता है।

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हालांकि अस्पताल में सफाई कर्मचारी मौजूद रहते हैं और नियमित सफाई भी होती है, लेकिन इसके बावजूद वार्डों के पास गंदगी और मेडिकल वेस्ट की मौजूदगी चिंता बढ़ाने वाली है। सबसे बड़ी समस्या यह है कि इन जगहों से लगातार तेज़ दुर्गंध आती रहती है। मरीज और उनके परिजन इसी गंदी बदबू के बीच बैठने और इलाज कराने को मजबूर हैं। यह स्थिति उनके लिए सिर्फ मानसिक परेशानी ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी बड़ा खतरा बन चुकी है।

विशेषज्ञों का कहना है कि खुले में पड़ी इस्तेमाल-शुदा सुई और मेडिकल वेस्ट से HIV, हेपेटाइटिस B, हेपेटाइटिस C और टिटनेस जैसी घातक बीमारियाँ फैलने का खतरा रहता है। वहीं, लगातार बनी रहने वाली दुर्गंध सांस संबंधी बीमारियों और संक्रमण को भी जन्म देती है। मरीज और उनके साथ आए परिजन शिकायत कर रहे हैं कि इतना गंदा माहौल और बदबू के बीच रहना बेहद कठिन हो गया है, लेकिन मजबूरी में उन्हें उसी माहौल में अपने मरीज के साथ बैठना पड़ता है।

 

तस्वीरें और स्थानीय शिकायतें यह साबित करती हैं कि अस्पताल में बायो-मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट नियमों का पालन ढंग से नहीं हो रहा। इस्तेमाल की हुई नीडल को शार्प्स कंटेनर में डालने के बजाय खुले में छोड़ दिया जा रहा है, जिससे संक्रमण का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।

 

लोगों का कहना है कि काशीपुर सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले गरीब और मध्यमवर्गीय मरीजों की जिंदगी को इस लापरवाही से दांव पर लगाया जा रहा है। साफ-सफाई की जिम्मेदारी केवल ऊपर-ऊपर निभाई जा रही है, जबकि असली गंदगी और दुर्गंध मरीजों और उनके परिजनों को झेलनी पड़ रही है।

अब ज़रूरी है कि जिला स्वास्थ्य विभाग इस मामले पर तुरंत एक्शन ले, मेडिकल वेस्ट के निस्तारण की प्रक्रिया दुरुस्त करे और मरीजों को साफ-सुथरा वातावरण मुहैया कराए, ताकि इलाज के लिए आए लोग संक्रमण और दुर्गंध की मार से बच सकें।

 

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