वाह रे पटवारियो तुम्हारा अद्भुत खेल एक तरफ प्रमाण पत्र जारी तो दूसरी तरफ हड़ताल पर मक्कारी
अज़हर मलिक
जनपद उधम सिंह नगर के काशीपुर पटवारी की चल रही हड़ताल अब अजीबोगरीब हड़ताल बनकर रह गई क्योंकि हड़ताल में चंद लोगों के काम तो किया जा रहे हैं और कुछ लोगों के महिनो से हड़ताल का हवाला देकर काम नहीं किया जा रहा है बेचारे परेशान लोग दरबदर की ठोकरे खाने को तैयार हैं लेकिन उच्च स्तरीय अधिकारी इन पटवारी को लेकर कोई भी ठोस कदम उठाते हुए दिखाई नहीं दे रहे हैं या यू कह के इन पटवारी के रसूख के आगे सीनियर अधिकारियों की कलम की स्याही काम नही करती।
आपको बता दें कि काशीपुर तहसील में बीते दिनों एक पटवारी को विजिलेंस की टीम ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था जिसके बाद काशीपुर के साथ और भी अन्य तहसील स्तर के पटवारी हड़ताल पर चले गए थे। और अतिरिक्त् छेत्र के प्रमाण पत्र से सम्बन्धित काम का बहिष्कार किया गया था। लेकिन इस हड़ताल के चलते काशीपुर में पटवारी का अजीबोगरीब चेहरा सामने आया है जहां पटवारी आतिरिक्त छेत्र के कुछ प्रमाण पत्र तो हड़ताल के दौरान ही दो से तीन् दिन् मे तैयार कर देते हैं लेकिन कुछ प्रमाण पत्र हड़ताल का नाम देकर महिनी से लंबित रखे हुए है। ऐसे में आप खुद अंदाजा लगाइए कि किन लोगों का पटवारी काम कर रहे हैं और किन गरीबों का काम नहीं कर रहे हैं।
चलिए यह तो पटवारी की मनमर्जी हो गई लेकिन इनके सीनियर अधिकारी भी बैठे हैं।उन सीनियर अधिकारियों की कलम में इतनी स्याही नहीं बची है कि उनके लिए कुछ लिखा जा सके या उनके लिए कोई ठोस कदम उठाए जा सके काशीपुर तहसीलदार और ना ही काशीपुर एसडीएम कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं लेकिन जनपद उधम सिंह नगर के मुखिया जिला मजिस्ट्रेट मौन पर है पटकारियो के इस रवैया पर कुछ ठोस करते हुए दिखाई नहीं दे रहे हैं बरहाल कह सकते हैं कि काशीपुर की जनता राम भरोसे से है पटवारी की मर्जी होगी किसका काम करना है और किसका नहीं यह सरकारी तंत्र नहीं यह मनमर्जी तंत्र बनाकर पटवारी चला रहे हैं और धामी सरकार पर सवाल खड़े कर रहे हैं कि धामी सरकार पर अधिकारियों का कितना कंट्रोल है। की फैसला भी अब अपने आप पटवारी लेने लागे।