Ankita Bhandari Case: क्या हाईकोर्ट में कमजोर पड़ जाएगी लड़ाई?
उत्तराखंड के सबसे संवेदनशील मामलों में से एक — अंकिता भंडारी हत्याकांड — अब एक ऐसे मोड़ पर खड़ा है जहां एक छोटी सी चूक से पूरा केस कमजोर हो सकता है। सवाल उठने लगे हैं कि क्या नैनीताल हाईकोर्ट में अगर सही ढंग से पैरवी नहीं हुई तो वो तीनों आरोपी जो एडीजे कोर्ट से आजीवन कारावास की सजा पा चुके हैं, उन्हें राहत मिल सकती है?
कोटद्वार बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अजय पंत ने इस चिंता को खुलकर मीडिया के सामने रखा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को चाहिए कि वह इस हाई-प्रोफाइल मामले की पैरवी के लिए अनुभवी और सीनियर अधिवक्ताओं को नैनीताल हाईकोर्ट में नियुक्त करे। यह सिर्फ एक कानूनी लड़ाई नहीं है, बल्कि यह जनता के विश्वास और न्याय व्यवस्था की साख का सवाल भी बन चुका है।
अजय पंत ने स्पष्ट रूप से कहा कि कोटद्वार की एडीजे कोर्ट ने इस मामले के तीनों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा दी है, लेकिन अगर हाईकोर्ट में कमजोर पैरवी हुई तो वे दोषी छूट सकते हैं। इसलिए सरकार को अभी से मजबूत तैयारी करनी चाहिए ताकि हाईकोर्ट में भी यह मामला मजबूती से लड़ा जा सके और पीड़ित पक्ष को न्याय मिल सके।
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