उत्तराखंड की प्राकृतिक धरोहर को नया आयाम देने के लिए वन विभाग की ओर से बड़ी पहल, उच्च अधिकारियों का विशेष दौरा
सलीम अहमद साहिल
जंगलों की हरी-भरी छांव, नदी की कलकल करती ध्वनियाँ, और पक्षियों की चहचहाहट — उत्तराखंड की प्रकृति अपनी अनूठी खूबसूरती से पर्यटकों को आकर्षित करती रही है। अब इस प्राकृतिक धरोहर को और भी आकर्षक बनाने के लिए वन विभाग ने एक नई पहल शुरू की है। इस पहल को एक नई दिशा देने के लिए उच्च वन अधिकारी पहुंचे रामनगर, जहां उन्होंने राज्य के सबसे सुंदर और संवेदनशील जंगलों का दौरा किया। क्या है इस पहल के पीछे का उद्देश्य और क्या होंगे इसके प्रभाव? यह सवाल हर किसी के मन में उठता है, और इस बार, विभाग ने अपनी रणनीति में कुछ बड़ा बदलाव किया है।
वन विभाग के उच्च अधिकारियों का शानदार दौरा, नई योजनाओं की घोषणा
12 दिसंबर 2024 को प्रमुख वन संरक्षक डॉ. धनंजय मोहन ने तराई पश्चिमी वन प्रभाग के दक्षिणी जसपुर रेंज का दौरा किया। रात्रि काल में, उन्होंने फील्ड निरीक्षण किया और उत्तरी जसपुर रेंज के फॉटों वन विश्राम भवन में रात्रि का ठहराव किया। अगले दिन, उन्होंने फॉटों ईको टूरिज्म जोन का निरीक्षण करते हुए वहां नवनिर्मित ट्री हॉउस का उद्घाटन किया।
उन्होंने इस क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न कार्यों की समीक्षा की, जिसमें कैमरा ट्रैप से बाघ और अन्य वन्य जीवों का अनुश्रवण, नेचर गाइड्स का व्यावसायिक प्रशिक्षण और साइनेजेस व अवस्थापना विकास शामिल हैं। इसके अलावा, उन्होंने प्रवासी पक्षियों के संरक्षण के लिए रामसर संरक्षण आरक्षिति के प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए।
डॉ. मोहन ने संवेदनशील वन क्षेत्रों में अतिक्रमण की प्रभावी रोकथाम के साथ-साथ वन्य जीवों के वास स्थल सुधार और दीर्घकालीन संरक्षण के लिए भी महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए। उनका यह कदम उत्तराखंड की वन्यजीवों और पर्यावरण को बचाने के लिए एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकता है।
फील्ड निरीक्षण के दौरान मौजूद अधिकारी
फील्ड निरीक्षण में डॉ. धीरज पांडे, मुख्य वन संरक्षक, कुमाऊं, डॉ. विनय भार्गव, वन संरक्षक, पश्चिमी वृत्त, प्रकाश चंद्र आर्य, प्रभागीय वनाधिकारी, तराई पश्चिमी वन प्रभाग, रामनगर, दिगांथ नायक, प्रभागीय वनाधिकारी, रामनगर, मनीष जोशी, प्रभागीय वन अधिकारी, संदीप गिरी, उप प्रभागीय वन अधिकारी, जसपुर, किरन शाह, उप प्रभागीय वन अधिकारी और कृपाल सिंह बिष्ट, वन क्षेत्राधिकारी, उत्तरी जसपुर मौजूद थे।