डीएफओ के इशारों पर चल रहा है कारोबार जिहाद यूपी माफ़ियाओ की कटर मशीनों से दहलता जंगल
Ramnagar news : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट किया है कि राज्य के धार्मिक और सांस्कृतिक स्वरूप को बिगाड़ने की किसी भी कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने खासतौर पर हाल ही में घटित घटनाओं पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि राज्य में धर्मांतरण, लैंड जिहाद, अतिक्रमण और थूक जिहाद जैसी गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
लेकिन जनपद नैनीताल में रामनगर के कुछ अधिकारी मुख्यमंत्री के आदेशों को शक्ति से नहीं लेते हुए दिखाई दे रहे हैं और साथ ही उनके लिए एक चुनौती तैयार करने में लगे हुए हैं और यह चुनौती उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को शायद भारी न पड़ जाए क्योंकि जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा उत्तराखंड की नगरी में कारोबार जिहाद को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिसमें उत्तर प्रदेश के कुछ लोगों को उत्तराखंड के जंगलों में प्रवेश करवाया जाता है और बिना लिखित पत्रावली के कारोबार दिया जा रहा है जो अपनी कटर मशीन के साथ जंगलों में घुसकर पेड़ पौधे झाड़ियां को छोटे-छोटे पीस में काटकर ट्रालियों में भरकर उत्तर प्रदेश में बेचा जा रहा हैं।
इस बात की खबर उत्तराखंड के मुख्यालय में बैठे जिम्मेदार अधिकारियों को भी नहीं लगती है सिर्फ जो डिवीजन क्षेत्र के अधिकारी हैं उन तक बात सिमट कर रहे जाती है रामनगर के डिवीजन अधिकारियों के इशारों पर इस तरीके के जिहाद को बढ़ावा दिया जा रहा है और धामी के लिए एक बड़ी चुनौती खड़ी करते हुए दिखाई दे रहे हैं क्योंकि उत्तराखंड में वैसे भी पलायन ओर बेरोजगारी की बहुत समस्या रही है और पलायन ओर बेरोजगारी से निपटने के लिए धामी सरकार तरह-तरह की योजनाएं लाकर पलायन , बेरोजगारी को खत्म करने की कोशिश कर रही है लेकिन जिम्मेदार अधिकारी बिना विभाग के मुखियाओं के संज्ञान में डाले अपनी मनमर्जी तरीके से जंगलों के अंदर कटर मशीन चलवा रहे हैं कटर मशीनों को जंगलों चलाने की अनुमति नही दी जा सकती है। इससे वनस्पतियों को तो नुकसान होता ही है साथ ही मसीनो की ध्वनि से जंगलों में रहने वाले वन्यजीव जंतुओं को तो परेशानी होती ही हैं। साथ ही कारोबार जिहाद को भी बढ़ावा दिया जा रहा है इतना ही नहीं पलायन ओर बेरोजगारी वाली समस्या को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।
लेकिन अब इन माफिया को रामनगर डिवीजन के डीएफओ दिगंत नायक द्वारा संरक्षण दिया जा रहा है और बिना कागजी वर्ग के इन को जंगलों में घुसने की परमिशन भी दी जा रही है। क्योकि कटर मशीनों को जंगलों के अंदर चलाने की परमिशन नही दी जा सकती हैं अब इन्हें उत्तर प्रदेश के माफियाओं का जिहाद ही कहेंगे बिना नंबर प्लेट के वाहनों के साथ जंगलों में घुसकर कटर मशीनों से जंगलों की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। जंगलों के बीच मशीनों को चलाकर जंगली जानवरों को तो डिस्टर्ब कर ही रहे हैं साथ ही सागौन के पौधों सहित जड़ीबूटियों को भी कटर मशीन में कुचल कर ट्रॉलियों में भर रहे हैं।
हाल ही में तराई पश्चिमी डिवीजन क्षेत्र में वाजिद नाम के एक व्यक्ति के साथ यूपी के कुछ और लोग भी जंगलों में घुसकर बिना नंबर प्लेटों के वाहनों के साथ जंगलों की संपत्ति को खुद- बुर्द कर ट्रालियों में भरकर वहां से निकल गए जिसकी सूचना डीएफओ प्रकाश चंद्र आर्य को लगी तो उनके द्वारा तत्काल एक्शन लिया गया और उस के काम को बंद भी कर दिया और छोटी मोटी कार्रवाई भी अमल में लाई गई लेकिन उसके बाद अब इन माफियाओं अपना डेरा रामनगर डिवीजन की कोशी रेंज में जमा लिया है। अधिकारियों के इशारे कटर मशीन से वाजिद द्वारा वनस्पति को खुद-बुर्द किया जा रहा है
ऐसे में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह अधिकारी बनकर खड़े हैं और जिहाद कारोबार को जड़ से खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सबसे पहले इन अधिकारियों पर बड़ी कार्यवाही करनी चाहिये ताकि यूपी के माफियाओं को उत्तराखंड के अधिकारियों का संरक्षण ना मिले और किसी भी तारिके का प्रदेश में ना तो पलायन की समस्या उत्पन्न हो और ना ही कारोबार जिहाद उत्तराखंड के लिए अभिशाप बन पाए।