खनन माफियाओं पर डीएफओ का प्रहार, कोसी नदी में बड़ी कार्रवाई
सलीम अहमद साहिल / अज़हर मलिक
नदियों का सीना चीरकर रातोंरात अमीर बनने का सपना देख रहे खनन माफियाओं को उस वक्त जोर का झटका लगा, जब तराई पश्चिमी वन प्रभाग, रामनगर की टीम ने बीती रात अचानक कोसी नदी के घाटों पर धावा बोल दिया। डीएफओ प्रकाश चंद आर्य की रणनीति और टीम की फुर्ती ने खनन माफियाओं की सारी चालों को ध्वस्त कर दिया। अवैध खनन का यह खेल अपने शबाब पर था, लेकिन वन विभाग की इस जबरदस्त कार्रवाई ने माफियाओं के हौसले पस्त कर दिए।
05-06 जनवरी 2025 की रात्रि को, डीएफओ के निर्देशानुसार वन विभाग की टीम ने कोसी नदी के सभी घाटों पर कड़ी निगरानी रखते हुए अचानक छापेमारी की। कार्रवाई के दौरान खनन माफियाओं के मंसूबों पर पानी फेरते हुए वन विभाग ने 10 वाहनों को जब्त किया, जिसमें 3 ट्रैक्टर-ट्रॉलियां, 2 ट्रैक्टर, 2 बैकहो लोडर, 1 डंपर और रेकी करने वालों की 2 मोटरसाइकिलें शामिल थीं। जब्त किए गए वाहनों को गुलजारपुर और बन्नाखेड़ा परिसर में सुरक्षित खड़ा किया गया, जबकि बैकहो लोडरों को रामनगर की कार्यशाला में भेजा गया।
इस बड़ी कार्रवाई में वन विभाग ने योजनाबद्ध तरीके से पहले रेकी करने वालों को पकड़ा, जिससे खनन माफियाओं को कार्रवाई की भनक तक नहीं लग सकी। डीएफओ प्रकाश चंद आर्य की इस मुहिम से खनन माफियाओं में हड़कंप मच गया है। वन विभाग की टीम ने खनन माफियाओं के मंसूबों को नाकाम करते हुए यह संदेश दिया है कि अवैध खनन पर सख्ती से नकेल कसी जाएगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों को अमल में लाते हुए वन विभाग ने यह साबित कर दिया है कि कानून का चाबुक खनन माफियाओं पर लगातार चलता रहेगा। डीएफओ प्रकाश चंद आर्य और उनकी टीम की ताबड़तोड़ कार्रवाइयों से न केवल माफियाओं के हौसले टूट रहे हैं, बल्कि उनके नेटवर्क को भी बर्बाद किया जा रहा है। अब देखना यह होगा कि इस सख्ती से अवैध खनन पर कितनी रोक लग पाती है। फिलहाल, डीएफओ माफियाओं के लिए काल बनकर खड़े हैं और नदियों का सीना चीरने की हर कोशिश को बार-बार नाकाम कर रहे हैं।