मेहरबानियाँ खिला रही हैं वन निगम में भ्रष्टाचार के फूल , राकेश के लिए नहीं कोई नियम कानून

Advertisements

मेहरबानियाँ खिला रही हैं वन निगम में भ्रष्टाचार के फूल , राकेश के लिए नहीं कोई नियम कानून

 

 

Advertisements

Ramnagar news : अगर आपको प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के बिना भ्रष्टाचार के बगीचे में भ्रष्टाचार के फूल देखने हैं तो आपको जनपद नैनीताल के रामनगर क्षेत्र में आना पड़ेगा जहां कुछ अधिकारी एक ठेकेदार पर इतने मेहरबान है। की नियम कानून की पोटली बनाकर पेड़ों की जड़ों के नीचे दफन कर देते हैं।

 

 

 

ऊपर बैठे वन निगम के अधिकारियों और सरकार को इसकी कानोकान खबर तक नही होती है। बर्ष 2023-2024 में रामनगर में तत्कालीन उत्तराखंड वन निगम रामनगर में तैनात अधिकारी क्षेत्रीय प्रबंधक हरीश पाल प्रभागीय लौगिंग अधिकारी राकेश कुमार और अनुभाग अधिकारी धनीराम ने तराई पष्चिमी डिवीजन रामनगर की रेंज आमपोखरा में बिना टेन्डर की प्रक्रिया अनाये वन निगम की लॉटो को राकेश कुमार नामक ठेकेदार को प्रसाद की तरह बांट दिया।

 

 

 

ओर राज्य सरकार को लाखों रुपये का चूना लगा दिया लेकिन किसी भी सक्ष्म अधिकारी की निगाहें इस घोटाले तक नही पहुँची हैं अब इसको अधिकारियों की सेटिंग कहो या राकेश कुमार ठेकेदार का सिस्टम मामला चाहे जोभी हो लेकिन बर्ष 2023-2024 में रामनगर वन निगम में जबरदस्त भ्रस्टाचार होने की सूचनाएं हैं अगर इस वन निगम के घोटाले में निष्पक्ष जांच होती हैं तो कई अधिकारियों पर गाज गिरनी तय है।

 

 

अधिकारियों के रवैया देखकर आप तो यही कहोगे कि सूबे के मुखिया पुष्कर सिंह धामी भले ही प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए सख्त से सख्त कदम क्यों ना उठाते हो लेकिन जिम्मेदार वन निगम के अधिकारी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की आंखों में भ्रष्टाचार की धूल डालकर जमकर गुमराह कर रहे हैं और इस बात से बेखबर होकर वन निगम के मुख्यालय में बैठे सचिव को भी कुछ जानकारी नही है।

 

 

 

 

वन निगम के जिम्मेदार अधिकारियों की भ्रष्टाचार की मेहरबानी कोई नई- नही है। लंबे समय से राकेश नाम के ठेकेदार पर यह मेहरबानी करते आ रहे हैं दरअसल वन विभाग द्वारा वन निगम को सागौन, यूके लिप्टिस ओर मिश्रित लॉटे काटने की अनुमति हर बर्ष दी जाती है। और पूरे नियम कानून के साथ मीडिया में सूचना डालने के बाद टेंडर की प्रक्रिया होती है और टेंडर को अधिकारियों की टीम योग्य व्यक्तियों को देती है। जिस से सरकार के राजस्व की बढ़ोतरी होती है और राज्य सरकार को चलाने के लिए मजबूती भी मिलती है।

 

 

लेकिन बर्ष 2023- 2024 में वन निगम के अधिकारियों द्वारा राजेश ठेकेदार को लॉट देने के लिए टेंडर का विज्ञापन न्यूज़ पेपरों में प्रकाशित ही नही किया गया हैं और ना ही टेंडर की स्वच्छ प्रक्रिया अपनाई गई है सिर्फ राकेश नाम के ठेकेदार पर मेहरबानी कर उसको यह टेंडर दे दिए गए हैं। अब टेंडर के पीछे की मेहरबानी क्या है यह तो कहना बहुत मुश्किल है लेकिन वन निगम की लॉट की आड़ में बिना परमिशन वाले पेड़ों को चोरी से काटकर और चोरी छुपे रामनगर की आरा मशीनों के साथ ही अन्य जगहों पर भी ठिकाने लगाया गया और इस अवैध रूप काटे गए पेड़ो के गिल्टो को बड़े पैमाने तराई पष्चिमी डिवीजन रामनगर के प्रभागीय वनाधिकारी प्रकाश चंद्र आर्य के स्टाफ ने बरामद कर वन निगम पर पीडी ( जुर्माना) भी जारी किया है।

 

 

 

 

हालांकि पेड़ों के ठेके लेने वाले ठेकेदारों के बीच चर्चाएं हो रही है कि राकेश की नजदीकी वन निगम रामनगर में बैठे अधिकारियों से है और वो आपस में भी रिश्तेदार हैं इस वजह से वन निगम रामनगर सारे नियम कानून कायदो का धुँआ बना कर उड़ाते हुए अपने रिश्तेदार पर मेहरबान है। ओर राज्य सरकार को लाखों के राजस्व का चूना लगाया गया।

 

 

 

ओर मेहरबानियों का पहिया यही नहीं रुकता मेहरबानी तो इतनी भी है कि टेंडर डालने वाले ठेकेदारों के बिल तैयार बाद में होते हैं लेकिन रिश्तेदार राकेश ठेकेदार के बिल जल्दी तैयार हो जाते हैं। वन निगम के अन्य ठेकेदार वन निगम के ऑफिसों के चक्कर काट रहे हैं लेकिन अनुभाग अधिकारी धनीराम उनको रोज़ नया बहाना बना कर ऑफिस से वापस कर देते हैं। अगर कोई ठेकेदार बिल लेट होने की बजह पूछे तो उसको अनुभाग अधिकारी धनीराम धमकाते है आगे से कोई भी काम वन निगम में मिलने की चेतावनी भी अपने धमकी भरे लैहेजे में देते हैं। ये तो एक अनुभाग अधिकारी का रसूक हैं तो सोचो ऊची कुर्सी पर बैठे अधिकारियों से सवाल पूछने की हिमाकत कौन कर सकता है और

 

 

 

 

ऐसे में अब देखने वाली बात होगी कि वन निगम रामनगर 2024-2025 में होने वाली टेण्डर प्रक्रिया में राकेश ठेकेदार पर वन निगम मैं बैठे उसके चाहते अधिकारी उसे फिर से लौटे नियम कानून को दफन कर देंगे या नही ये तो आने वाला वक्त ही बतायेगा। सूत्र बताते हैं कि अधिकारी एक व्यक्ति पर मेहरबान होने की तैयारी कर रहे हैं और बीते समय की गई मेहरबानियां पर क्या मुख्यालय में बैठे सचिव साहब कुछ एक्शन लेते हैं। भ्रष्टाचार के फूल खिलने वाले वन निगम के कर्मचारियों पर उनकी कार्यवाही की कलम चलते हुए कापेगी या फिर मुख्यमंत्री के भ्रष्टाचार को खत्म करने ने निर्देश का पालन करती नजर आएगी।

 

 

 

 

 

 

Advertisements
THE GREAT NEWS

THE GREAT NEWS

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *