अंतर्राज्यीय अवैध खैर तस्करों के खिलाफ वन विभाग की बड़ी कार्रवाई” शेखावत बने रेंजर रूपनारायण गौतम”तस्करों की धरपकड़ जारी।
मुकेश कुमार
-लालकुआँ तराई केन्द्रीय वन प्रभाग रूद्रपुर डिवीजन की टांडा रेंज की वन विभाग ने अंतर्राज्यीय अवैध खैर तस्करों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की। वन विभाग की टीम ने हरियाणा राज्य के करनाल जनपद के थाना बुटाना ग्राम बैरसाल में छापेमारी कर भारी मात्रा में एकत्रित 250 क्विंटल 670 नग अवैध खैर की लकड़ी बरामद की गई, जिसकी बाजार कीमत दस लाख रुपये बताई जा रही है। सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम ने छापेमारी की, लेकिन तस्कर मौके का फायदा उठाकर फरार हो गए। वन विभाग ने लकड़ी जब्त कर तस्करों की पहचान के लिए जांच शुरू कर दी है।
वन विभाग को गुप्त सूत्रों से सूचना मिली थी कि हरियाणा राज्य के करनाल जनपद के थाना बुटाना ग्राम बैरसाल स्थित केदार हर्बल इंडस्ट्रीज के परिसर बड़ी मात्रा में अवैध रूप से खैर की लकड़ी एकत्रित की गई है, जिसे तस्कर जल्द ही बाजार में बेचने की फिराक में हैं। सूचना मिलते ही वन क्षेत्राधिकारी रूपनारायण गौतम,वन क्षेत्राधिकारी पूरन जोशी ,एसओजी प्रभारी कैलाश तिवारी सहित अन्य वनकर्मियों की टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए इलाके में दबिश दी।छापेमारी के दौरान जैसे ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची, लकड़ी तस्करों को भनक लग गई और मौके का फायदा उठाकर भाग निकले। टीम ने मौके से 250 क्विंटल 670 नग खैर की लकड़ी जब्त कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।
वन विभाग के अनुसार तराई केन्द्रीय वन प्रभाग रूद्रपुर डिवीजन उत्तराखंड उत्तरप्रदेश की सीमा आपस में सटी होने के कारण यह इलाका लकड़ी तस्करों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बन गया है। तस्कर तराई केन्द्रीय वन प्रभाग रूद्रपुर डिवीजन के जंगलों से खैर की लकड़ी काटकर उत्तरप्रदेश की सीमाओं में एकत्रित कर लेते फिर वहां से इसकी तस्करी करते हुये हरियाणा राज्य में बेचते हैं। खैर की लकड़ी की बाजार में काफी उच्च मांग है, क्योंकि इसका उपयोग गुटखा, कत्था, आयुर्वेदिक दवाओं और लकड़ी के अन्य उत्पादों में किया जाता है। यही कारण है कि तस्कर अवैध कटाई कर इसे बाजार में बेचने के लिए सक्रिय रहते हैं।
डीएफओ /प्रभागीय वनाधिकारी उमेश चन्द्र तिवारी की सख्त चेतावनी: इधर मामले का खुलासा करते हुए डीएफओ उमेश तिवारी ने बताया पिछले लम्बे समय से लकड़ी तस्करी की सूचना मिल रही थी जिसके बाद मुखबिरों को सक्रिय किया गया। उन्होंने कहा कि मुखबिरों की सूचना के बाद टीम की तैनाती की गई जिसके बाद हरियाणा राज्य के करनाल जनपद की पुलिस से उक्त प्रकरण को लेकर संपर्क किया गया। जिसपर पुलिस और वन विभाग की संयुक्त टीम ने थाना बुटाना ग्राम बैरसाल स्थित केदार हर्बल इंडस्ट्रीज में छापेमारी की जहां खैर की लकड़ी से लदा चौदह टायरा ट्रक संख्या UP-70-HT-2637 को मौके पर की कब्जे में ले लिया जिसमें 250 क्लिंटल 670 बरामद हुई इस दौरान इंडस्ट्रीज अभिमन्यु सिंह चौहान उर्फ सैकी पुत्र सुखरर्शन सिंह निवासी मिसरवाला तहसील पौटा साहिबा जिला सिरमौर हिमाचल मौका देख भाग निकाला।
उन्होंने बताया कि वन विभाग की इस कार्यवाई में जिस एक चौदह टायरा को पकड़ा है और उसको वन विभाग की टांडा रेंज में खड़ा किया गया है और इण्डस्ट्रीज मलिक के विरुद्ध मुकद्दमा पंजीकृत कर जांच शुरू कर दी गई हे।वन विभाग ने इस कार्रवाई को लेकर कड़ी चेतावनी जारी की है। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस मामले शामिल अन्य तस्करों की पहचान कर जल्द ही कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, वन क्षेत्रों में गश्त बढ़ाई जाएगी ताकि भविष्य में इस तरह की अवैध गतिविधियों पर रोक लगाई जा सके।वन विभाग ने स्थानीय ग्रामीणों से भी अपील की है कि यदि वे जंगलों में किसी भी संदिग्ध गतिविधि को देखें तो तुरंत सूचना दें, ताकि तस्करों पर लगाम लगाई जा सके और जंगलों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
वन विभाग ने इस मामले की गंभीरता से जांच शुरू कर दी है। आसपास के प्रदेशों में पूछताछ की जा रही है और संदेह के आधार पर कुछ संदिग्धों से पूछताछ की जा सकती है। डीएफओ उमेश तिवारी का कहना है कि जल्द ही इस अवैध तस्करी रैकेट का भंडाफोड़ किया जाएगा।
इधर वन विभाग की कार्यवाही में उप प्रभागीय वनाधिकारी शशिदेवा, उप प्रभागीय वनाधिकारी मनिंदर कौर,वन क्षेत्राधिकारी रूपनारायण गौतम, वन क्षेत्राधिकारी पूरन जोशी ,एसओजी प्रभारी कैलाश तिवारी, उप वन क्षेत्राधिकारी विरेंद्र परिहार, वन दरोगा धर्मन्द्र, नन्दाबल्लभ काण्डपाल,नवीन मेहरा, सुरेश पाडे, पूरन चन्द्र पाठक, मोहन सिंह सामन्त, पंकज गहतौड़ी, राहुल कुमार, भुवन खर्कवाल सहित अन्य वनकर्मी मौजूद थे।