डिस्को करता सरकारी स्कूल लाचार शिक्षा विभाग रामनगर
डिस्को करता सरकारी स्कूल वन भूमि पर अतिक्रमण लाचार विभाग
अज़हर मलिक
रामनगर : अक्सर अपने म्यूजिक की धुन पर तो लोगों को डिस्को करते हुए जरूर देखा होगा लेकिन क्या कभी किसी सरकारी स्कूल को किसी भूमि माफिया के इशारो पर डिस्को देखा है अगर नहीं तो आज हम आपको दिखाते हैं एक ऐसा सरकारी स्कूल जो अपनी वर्तमान स्थिति से बिना परमिशन के इधर से उधर डिस्को करता है और सरकारी स्कूल को डिस्को करने वाले माफिया के आगे नौकरशाही कार्रवाई करने में कतरा रहे हैं अब माफिया का राशुक कहे या फिर माफिया का सिस्टम
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भले शिक्षा को बढ़ावा देने के साथ-साथ अवैध अतिक्रमण के खिलाफ अभियान क्यों न चला रही हो। लेकिन उसके बावजूद भी जनपद नैनीताल के रामनगर में राजकीय प्रथमिक विद्यालय तुमड़िया खत्ता नाम का सरकारी स्कूल एक ऐसे व्यक्ति के चंगुल में फंस गया है।
जिस पर वन संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के कई मामले पंजीकृत है। और अब वन भूमि पर अवैध कब्जा करने के लिए सरकारी स्कूल को अपनी शतरंज का मोहरा बनाया हुआ है जो धीरे-धीरे जंगल के हरे पेड़ पौधों को नष्ट कर सरकारी स्कूल को वर्तमान स्थिति से खिसकाता रहता है।
और धीरे-धीरे जंगल की संपत्ति पर स्कूल के नाम पर अवैध कब्जा करने में लगा है। जिनके कंधों पर क्षेत्र के स्कूलों की जिम्मेदारी हैं उन जिम्मेदार अधिकारियों को दफ्तर में बैठकर किसी की भी घटना का कानों कान खबर नहीं लगती या फिर यूं कहें की खबर होने के बाद भी बेखबर हो जाते हैं।
खंड शिक्षा अधिकारी इंतजार कर रहे हैं शुभ मुहूर्त का
इस माफिया के खिलाफ शिक्षा विभाग के अधिकारियों की कलम में स्याही तक नहीं बची है की ऐसे माफिया के खिलाफ कुछ कार्यवाही की जाए। रामनगर के खंड शिक्षा अधिकारी तारा सिंह से जब इस पूरे मामले में बात की गई तो मामला मेरे संज्ञान में आया है स्कूल खुलने पर में इस पर जांच करुंगा किस तरीके से अधिकारियों द्वारा सफेद झूठ बोला जा रहा है क्योंकि खंड शिक्षा अधिकारी को मीडिया के द्वारा भी पूर्व में पहले जानकारी दी गई है। शिक्षा विभाग के अधिकारी शुभ मुहूर्त का इंतजार करके कार्रवाई की बात कर रहे हैं।
स्कूल के नाम पर वन भूमि पर अवैध कब्जा नींद में क्षेत्रीय रेंजर
इतना ही नहीं इस माफिया के आगे शिक्षा विभाग के अधिकारी ही नतमस्तक नहीं बल्कि वन विभाग के क्षेत्रीय रेंजर भी इस पर कार्यवाही करने पर असमर्थ है। जिस पर अब तराई पश्चिमी डिवीजन के डीएफओ प्रकाश चंद्र आर्य ने एक्शन लिया है और शिक्षा विभाग को नोटिस देने की तैयारी में जुट गए हैं डीएफओ प्रकाश चंद्र आर्य का कहना है कि मेरे संज्ञान में मामला जैसे ही आया मैंने पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए और अब शिक्षा विभाग को नोटिस देकर पूछा जाएगा कि सरकारी स्कूल कैसे हमारी सरकारी संपत्ति में डिस्को कर रहा है
बरहाल उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को धाकड़ धामी के रूप में क्यों न जाना जाता हो लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारियों की कलम माफिया के खिलाफ न चलना कई प्रश्न चिन्ह खड़े कर रहा है कि क्या उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कंट्रोल शिक्षा विभाग से बाहर है। या फिर मुख्यमंत्री के आदेश शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर लागू नहीं होते लगातार क्षेत्र में अवैध तरीके से सरकारी विभाग के स्कूल और सरकारी विभाग की संपत्ति को मनमर्जी तरीके से नुक्सान पहुंचाने वाले के खिलाफ कार्रवाई करने में क्यों विभागीय अधिकारी नतमस्तक है।
ऐसे में नौकरशाही की लाचारी का है या फिर यारी दोनों ही जमकर मुख्यमंत्री के धाकड़ टाइटल को धुंधला करने में लगे हैं ऐसे में देखने वाली बात होगी क्या क्या मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ऐसे निकम्मे अधिकारियों कुष्ठ ठोस कार्रवाई करते हैं या फिर नहीं।