हाथीडगर इको टूरिज्म जोन सैलानियों के लिए खुला — जंगल की वादियों मे फिर देखने को मिलेगी सैलानियों के साथ जिप्सियों की रफ्तार
सलीम अहमद साहिल
रामनगर तराई पष्चिमी वन प्रभाग के अंतर्गत आने वाला हाथीडगर इको टूरिज्म जोन अब एक बार फिर सैलानियों के लिए खुल गया है। पर्यटन नगरी रामनगर की प्राकृतिक सुंदरता, घने जंगलों और वन्यजीवों को निहारने की चाह में हर साल देश-विदेश से लाखों सैलानी यहां पहुंचते हैं। अब उनके लिए एक बार फिर खुशखबरी है — हाथी डगर जोन का संचालन आज से पुनः आरंभ हो गया है।
अत्यधिक वर्षा के कारण इस जोन को 3 जुलाई 2025 से बंद किया गया था, जिसे आज 17 अक्टूबर 2025 को पुनः सैलानियों के भ्रमण के लिए खोल दिया गया।
सुबह 6 बजे विधायक दीवान सिंह बिष्ट ने फीता काटकर और हरी झंडी दिखाकर जिप्सियों के काफिले को जंगल सफारी के लिए रवाना किया।
इस मौके पर विधायक दीवान सिंह बिष्ट ने कहा कि
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में प्रदेश में पर्यटन को नई दिशा मिल रही है। इको टूरिज्म जैसे प्रयास न केवल प्रकृति संरक्षण की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा कर रहे हैं। हाथीडगर जोन इसका उत्कृष्ट उदाहरण है। विधायक ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री की पहल पर प्रदेश के विभिन्न इलाकों में इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे स्थानीय युवाओं को आजीविका के अवसर और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को गति मिल रही है।
हाथीडगर जोन अपनी मनमोहक प्राकृतिक छटा, हरियाली और वन्यजीवों के आकर्षक दर्शन के कारण बहुत कम समय में सैलानियों की पहली पसंद बन चुका है। जंगल मे सफारी करते हुए सैलानी वाघ, लेपर्ट, हाथियों, हिरणों और दुर्लभ पक्षियों को निहारते हुए प्रकृति की गोद में एक अद्भुत अनुभव महसूस करते हैं।
इस जोन की सुंदरता और व्यवस्थित संचालन के पीछे डीएफओ प्रकाश चंद आर्य के कुशल पर्यवेक्षण, उप प्रभागीय वनाधिकारी संदीप गिरी के नेतृत्व, वन क्षेत्राधिकारी पूरन सिंह खनायत तथा स्थानीय स्टाफ की मेहनत ने अहम भूमिका निभाई है। इन्हीं के प्रयासों से हाथी डगर इको टूरिज्म जोन आज प्रदेश के प्रमुख आकर्षणों में शुमार हो चुका है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि जोन के खुलने से न केवल पर्यटन को बल मिलेगा बल्कि होटल, जीप सफारी, और गाइड व्यवसाय से जुड़े लोगों को भी सीधा लाभ पहुंचेगा।
इस अवसर पर उप प्रभागीय वनाधिकारी संदीप गिरी, वन क्षेत्राधिकारी पूरन सिंह खनायत, आमपोखरा रेंज का समस्त स्टाफ और नेचर गाइड मौजूद रहे।