सल्ट की सियासत में तूफान: रणजीत सिंह रावत की चाणक्यनीति कंचन रावत निर्विरोध ब्लॉक प्रमुख और विक्रम रावत ज्येष्ठ ब्लॉक प्रमुख बने
सलीम अहमद साहिल
उत्तराखंड की सियासी जमीन पर पंचायत चुनावों की हलचल के बाद अब ब्लॉक प्रमुख चुनावों ने सल्ट में राजनीतिक भूचाल ला दिया है। बारिश के मौसम में सियासी पारा तब और चढ़ गया, जब अल्मोड़ा जिले के सल्ट क्षेत्र से एक ऐसी खबर सामने आई, जिसने विपक्षीयो के हौसलों को धूल चटा दी। कांग्रेस के दिग्गज नेता और सल्ट की राजनीति के बेताज बादशाह रणजीत सिंह रावत ने एक बार फिर अपनी चाणक्यनीति से साबित कर दिया कि सियासी शतरंज के खेल में उनकी रणनीति का कोई सानी नहीं।
नामांकन और जांच प्रक्रिया के बाद सल्ट में ब्लॉक प्रमुख, ज्येष्ठ ब्लॉक प्रमुख के पदों पर रावत का दबदबा कायम हो गया। रणजीत सिंह रावत का अल्मोड़ा जिले की जनता के साथ पुराना रिस्ता है रणजीत सिंह रावत ने पहले अपनी पुत्रवधू कंचन रावत को निर्विरोध क्षेत्र पंचायत सदस्य बनाकर सियासी पारी की शुरुआत की। इसके बाद उनके पुत्र विक्रम रावत ने क्षेत्र पंचायत चुनाव में उतरकर जनता का दिल जीता और शानदार जीत के साथ विजय रथ पर सवार हुए।
लेकिन असली मास्टरस्ट्रोक तब देखने को मिला, जब सियासी शतरंज की अंतिम चाल में कंचन रावत निर्विरोध ब्लॉक प्रमुख बनीं और विक्रम रावत ने ज्येष्ठ ब्लॉक प्रमुख का ताज अपने नाम किया। इस दोहरे दांव ने न केवल सल्ट की सत्ता पर रावत परिवार की पकड़ को और मजबूत किया, बल्कि विपक्ष को चारों खाने चित कर दिया।
यह जीत महज एक चुनावी नतीजा नहीं, बल्कि रणजीत सिंह रावत की दूरदर्शी रणनीति और स्थानीय राजनीति पर उनकी अटूट पकड़ का प्रतीक है। सल्ट की इस सियासी कामयाबी ने अल्मोड़ा जिले के सत्ता समीकरणों में बड़ा उलटफेर कर दिया है। आने वाले दिनों में यह जीत न केवल स्थानीय, बल्कि जिले की सियासी दिशा को नया मोड़ दे सकती है। रणजीत सिंह रावत ने एक बार फिर साबित कर दिया कि जब बात सियासत की हो, तो उनके सामने टिकना हर किसी के बस की बात नहीं।