राजकीय महाविद्यालय, मालधनचौड़, नैनीताल में 12 दिवसीय उद्यमिता विकास कार्यक्रम का शुभारंभ
सलीम अहमद साहिल
उत्तराखंड के उच्च शिक्षा विभाग और भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान, अहमदाबाद के संयुक्त तत्वावधान में चल रही देवभूमि उद्यमिता योजना के प्रयास अब धरातल पर दिखने लगे हैं। इस योजना के अंतर्गत महाविद्यालयों में उद्यमिता केंद्र स्थापित करने के साथ-साथ 10 केंद्रों को उत्कृष्ट केंद्र के रूप में विकसित किया गया।
इसके अलावा, राज्य के विभिन्न संस्थानों के 20 छात्रों को स्टार्टअप सीड फंड प्रदान किया गया। योजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना और उद्यम स्थापित करने के लिए सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराना है।
इसी कड़ी में राजकीय महाविद्यालय, मालधनचौड़, नैनीताल में आज 12 दिवसीय उद्यमिता विकास कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित महेश पंडित ने छात्रों को स्वरोजगार और उद्यमिता के लिए प्रेरित किया। उन्होंने अपने जीवन अनुभव साझा करते हुए बताया कि कैसे एक छोटे विचार को बड़ा स्वरूप देकर सफल उद्यम स्थापित किया जा सकता है।
विशिष्ट अतिथि और पूर्व दर्जा राज्य मंत्री हरीश दफोटी ने अपने संबोधन में सामाजिक उद्यमिता और स्थानीय अर्थव्यवस्था में उद्यमों के योगदान पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि कैसे सरकार की यह पहल प्रदेश के युवाओं को आत्मनिर्भर बनने में सहायता कर रही है।
महाविद्यालय के नोडल अधिकारी प्रियदर्शन ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि छात्र जीवन में ही उद्यमिता के अवसरों को पहचानना और उनका लाभ उठाना जरूरी है। उन्होंने छात्रों को प्रेरित किया कि वे ईडीपी (उद्यमिता विकास कार्यक्रम) में भाग लेकर स्टार्टअप की संभावनाओं को समझें और उसका व्यावसायिक लाभ उठाएं।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता अभिषेक नंदन, जो इस परियोजना के परियोजना अधिकारी हैं, ने देवभूमि उद्यमिता योजना के उद्देश्यों, रूपरेखा और छात्रों के लिए उपलब्ध अवसरों पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि इस योजना का उद्देश्य केवल उद्यमिता को बढ़ावा देना नहीं है, बल्कि युवाओं को इस दिशा में सही मार्गदर्शन और समर्थन प्रदान करना भी है।
इस अवसर पर कार्यक्रम में प्रभारी प्राचार्य शुभम ठाकुर, डॉ. पी.के. निश्छल, डॉ. निधि अधिकारी, प्रदीप चंद्र, मोहम्मद नफीस, कपिल आर्य, राकेश, और जगदीश चंद्र सहित कई अन्य लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में छात्रों ने योजना से जुड़ी अपनी जिज्ञासाओं को व्यक्त किया और विशेषज्ञों से सुझाव प्राप्त किए।
कार्यक्रम का समापन छात्रों को उद्यमिता के महत्व और उनकी भूमिका को समझाते हुए हुआ। यह 12 दिवसीय कार्यक्रम छात्रों को अपने कौशल विकसित करने और उद्यमिता के माध्यम से आत्मनिर्भर बनने की दिशा में प्रेरित करेगा।
